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Chhattisgarh : मोहल्ला कक्षाएं संचालित करने में व्यवहारिक दिक्कतें,स्कूल ही ठीक : सीके महिलांगे

C.K. Mahilange
C.K. Mahilange

रायपुर. छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ के अध्यक्ष सीके महिलांगे वर्तमान समय में चल रही मोहल्ला कक्षाओं (Mohalla class )को लेकर अपनी राय रखी है। उनका कहना है कि पढ़ाई तुंहर दुवार के अंतर्गत की जाने वाली सभी गतिविधियां स्वेच्छिक है, लेकिन देखा जा रहा है कि मोहल्ला क्लास के लिए अधिकारियों द्वारा दबाव डाला जा रहा है। साथ ही मॉनिटरिंग,निरीक्षण भी किये जा रहे हैं और शिक्षको से गलत व्यवहार होने की भी शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि मोहल्ला क्लास में जो व्यावहारिक कठिनाइयां है उन पर भी गौर किया जाना चाहिए।

महिलांगे ने मोहल्ला कक्षाओं की वर्तमान स्थिति और आने वाले व्यवहारिक दिक्कतों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि स्थिति यह है कि स्कूल के पास ऐसा कोई उपयुक्त स्थान गांव या शहर में उपलब्ध नहीं होता है, जहां बच्चों को शांतिपूर्ण तरीके से लगन के साथ पढ़ाया जा सके। इस समय बरसात का मौसम है और बारिश किसी भी समय होती रहती है, ऐसे में पेड़ के नीचे पढ़ाना बड़ा जोखिम हो सकता है। इतना ही नहीं बारिश में सर्प,बिच्छू तथा अन्य जहरीले कीड़ों का डर बना रहता है ।

महिलांगे ने कहा कि सच बात यह है कि स्कूल ही सबसे सुरक्षित स्थान है, जहां बच्चे को सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने मोहल्ला क्लास के बच्चों की दैनिक समस्या का भी उल्लेख करते हुए बताया कि टॉयलेट की भी बड़ी समस्या होती है। महिलांगे का सुझाव है कि स्कूल में एक डेस्क में एक बच्चे को बैठाकर दूरी मेंटेन की जा सकती है जबकि मोहल्ला क्लास में नहीं हो पाता। मोहल्ला क्लास के बाद स्कूल में शिक्षक को 4 बजे तक बैठाना भी व्यावहारिक नही लगता ।

डेली डायरी भरना हास्यास्पद
महिलांगे ने बताया कि मोहल्ला क्लास में डेली डायरी भरना हास्यास्पद है, जब विधिक रूप से बच्चा स्कूल नही आ रहा है तो डेली डायरी कैसी ? शिक्षक को पढ़ाने के लिए स्वतंत्र छोड़ा जाए,गत वर्ष भी हमारे शिक्षको ने अच्छा कार्य किया है, वे अब भी करेंगे परन्तु अधिकारियों के द्वारा उन पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है ।

मोहल्ला क्लास में पूरे प्रदेश के हर जिलें में अलग अलग व्यवस्थाएं है, कहीं एकरूपता नहीं है केवल अधिकारियों की तानाशाही चल रही है। शासन और प्रशासन केवल और केवल अपनी जवाबदेही से बच रहा है,इसीलिए पढ़ाई तुंहर दुवार जैसी योजनाएं अस्तित्व में है।

इसलिए स्कूल लगाने की बात की जाए
सभी बच्चों के लिए मास्क व सेनिटाइजर स्कूल फंड से व्यवस्था की जाय और स्कूल में ही कक्षाएं संचालित की जायं, क्योंकि वर्तमान में मोहल्ला क्लास में बरसात के मौसम में बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सांस्कृतिक मंचों पर गाय का गोबर और गंदगी का आलम है इस बीच बच्चों को कैसे बैठे। उन्होंने प्रधान पाठकों की ओर से सरकार से मांग की है कि वर्तमान मोहल्ला कक्षाओं से अच्छा तो शाला परिसर है। स्कूल में पढऩे के लिए अल्टरनेट कक्षाएं संचालित की जा सकती हैं। एक दिन पांचवीं, एक दिन चौथी ,इस तरह कक्षाएं संचालित की जा सकती है।

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