लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022 ) की तैयारियों के बीच मंगलवार को दोपहर अचानक राजधानी की सियासत गरम हो गई। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्री पद से अपना त्यागपत्र राज्यपाल को भेज दिया। त्यागपत्र तिलहर के भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा लेकर पहुंचे थे। कहा जा रहा है कि वर्मा भी भाजपा छोड़कर मौर्य के साथ सपा में जाएंगे। हालांकि मौर्य ने कहा कि उन्होंने मंत्री पद से त्यागपत्र दिया है, भाजपा से नहीं। लेकिन दो दिन में कार्यकर्ताओं से चर्चा कर अपना राजनीतिक फैसला लेंगे।
इधर त्यागपत्र की खबर सार्वजनिक होते ही भाजपा के नेताओं ने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है। नाराज मौर्य व अन्य विधायकों की नाराजगी दूर करने का जिम्मा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह एवं संगठन महामंत्री सुनील बंसल को सौंपा गया है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जल्दबाजी में कोई गलत फैसला न करें बल्कि बैठ कर चर्चा की जाएगी।
बेटी है सांसद
मंत्री पद से त्यागपत्र देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी वर्ष २०१९ के लोकसभा चुनाव में बदायूं से भाजपा की सांसद हैं। पहली बार वे सांसद बनी हैं लेकिन अभी उनके भाजपा छोडऩे की खबर नहीं है। हालांकि मौर्य ने कहा कि मंत्री पद से त्यागपत्र देने के उनके फैसले से बेटी या बेटे से कोई संबंध नहीं है। वे अपने हिसाब से अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। मौर्य का बेटा उत्कृष्ट मौर्य वर्ष २०१७ के विधानसभा चुनाव में ऊंचाहार से चुनाव हार गया था। यहां से सपा के मनोज पांडेय विधायक हैं। माना जा रहा है कि उत्कृष्ट को सपा टिकट दे सकती है लेकिन कुछ कह पाना मुमकिन नहीं है।
ये विधायक भी हैं नाराज
स्वामी प्रसाद मौर्या के इस्तीफा देने के बाद दो विधायकों बिल्हौर से भाजपा विधायक भगवती प्रसाद सागर, तिलहर (शाहजहांपुर) से विधायक रोशन लाल वर्मा व बांदा की तिंदवारी सीट से भाजपा विधायक बृजेश कुमार प्रजापति भी बागी हो गए हैं। वे मौर्य के साथ ही सपा में जाएंगे।
त्यागपत्र की यह बता रहे वजह
कैबिनेट मंत्री के रुतबे का उपयोग करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार ने अपने 5 वर्षाे के कार्यकाल के दौरान दलितों, पिछड़ों एवं अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी है और न ही उन्हें उचित सम्मान दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा दलितों, पिछड़ों, किसानों एवं बेरोजगार नौजवानों और छोटे लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की भी घोर उपेक्षा की गई है। ऐसे ही आरोप भाजपा से बगावत करने वाले विधायकों ने भी लगाए हैं।
फर्जी खबर उड़ा दी इन मंत्रियों की
मंत्री दारा सिंह व धर्म सिंह सैनी के त्यागपत्र व भाजपा छोडऩे की खबर भी वायरल हो गई जबकि यह खबर बिना पुष्टि के सोशल मीडिया में वायरल कर दी गई। बाद में जब इन मंत्रियों ने सार्वजनिक रूप से ऐसे समाचारों का खंडन किया तो उनकी सफाई को भी ठीक से जगह नहीं दी गई।