- चीला बोबरा फरा और मुर्रा लाडु से बच्चों ने सजाया स्टाल
- संकुल सेमरताल में लगा आनंद मेला
बिलासपुर. संकुल केन्द्र सेमरताल में संकुल स्तरीय आनंद बाल मेला का शानदार आयोजन शुक्रवार को किया गया। कार्यक्रम प्रारंभ सेमरताल के सरपंच राजेन्द्र साहू और संकुल प्राचार्य सुनीता शुक्ला, प्रधान पाठक सीके महिलांगे, राम कुमार मानिकपुरी,बलराम पटेल,जवाहर श्रीवास,एलके साहू, प्रदीप मुखर्जी, अनिल वर्मा, ओम प्रकाश वर्मा समन्वयक के द्वारा ने मां सरस्वती व डॉ.भीमराव अंबेडकर के चित्र पर फूल माला अर्पित कर पूजा की और संविधान की शपथ ग्रहण की।
इस अवसर पर व्याख्याता अनिल वर्मा ने संविधान दिवस के संदर्भ में संविधान की प्रस्तावना का पाठ कराया। तत्पश्चात अतिथियों ने फीता काटकर आनंद मेला का उद्घाटन किया। मेले में संकुल की सभी शालाओं ने भागीदारी दी। सीमित तैयारी के बावजूद बच्चों के उत्कृष्ट स्टाल सजाए थे। चीला, बोबरा, सोहारी, गुलगुल भजिया, फरा, गुपचुप, इडली, सेवई, मुर्रा लाडु, कुसली सहित छत्तीसगढ़ के छत्तीसों व्यंजनों ने सबको आनंदित कर दिया। संकुल स्तरीय यह आयोजन अद्भुत और अविस्मरणीय हो गया।
आयोजन के विभिन्न कार्यक्रम हुए। संकुल केंद्र में बाल मेला उत्सव में शासकीय प्राथमिक शाला नवगवां प्रथम स्थान और शासकीय प्राथमिक शाला सेमरताल द्वितीय स्थान और शासकीय पूर्व माध्यमिक कन्या शाला सेमरताल तृतीय स्थान प्राप्त किया । यहां के प्रधान पाठक को और बालक बालिकाओं को उनके अच्छे मेहनत के लिए उन्हें पुरस्कार सम्मानित करके धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
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बाल मेला में लगा स्टाल देख के मन को भाया।
ऐसा सजा था मंढप ,जैसे सपनों के शहजादा।
कोई लाया ठेठरी खुर्मी कोई लाया पपची।
कोई लाया अरसा चिला, और लाया मुर्रा लाड़ु।
ईडली ,दोसा के क्या पुछना रसगुल्ला पड़ गए भारी।
चना चरपटी भजिया प्यारी ,गुपचुप ने बाजी मारी।
नन्हे मुन्ने प्यारे बच्चे मन को खूब भाए।
शोर गुल के बीच भवर में आनंद में खो गए।
बाल मेला के याद करेगें सालों साल।