रायपुर. विश्व बैंक की टीम के एक सवाल का छत्तीसगढ़ के बच्चों ने बड़ी मासूमियत से ऐसा जवाब दिया कि टीम की मैडम भी मुस्कराए बिना नहीं रह सकी। उन्होंने बच्चों से हाथ मिलाया और उनसे काफी देर तक मीठी-मीठी बातें भी की। आपके मन में उठ रहा है कि आखिर ऐसा कौन सा सवाल पूछ लिया। दरअसल बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने की लगातार विश्व स्तर पर कोशिश की जा रही है। इसमें वल्र्ड बैंक भी लगातार सहयोगी भूमिका निभा रहा है।
इसी उद्देश्य से विश्व बैंक की टीम ने सुपोषण अभियान का अध्ययन करने भारत के दो राज्य छत्तीसगढ़ और गुजरात चुने हैं। इस सिलसिले में सोमवार को वल्र्ड बैंक की टीम ने दुर्ग जिले के पाटन ब्लाक के ग्राम कसही का दौरा किया। यहाँ उन्होंने बच्चों से और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा गर्भवती माताओं से चर्चा की। टीम में वल्र्ड बैंक की साउथ एशिया हेड और सीनियर हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. दीपिका चौधरी शामिल थे।
ट्रिना ने बच्चों से पूछा कैसा लगता है चिक्की, जवाब में सभी बच्चों ने चिक्की को बहुत बढिय़ा बताया। बच्चों को उनके मनपसंद चिक्की के रूप में काफी मात्रा में प्रोटीन भी मिल रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन ने बताया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत बच्चों की खुराक पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। बच्चों के पोषण को सामुदायिक गतिविधियों का हिस्सा बनाया गया है और इस जिम्मेदारी में पूरा गाँव अपनी सहभागिता करता है। ट्रिना ने छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे इस अभियान की प्रशंसा की।
प्रोटीन भी मिल रहा है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया कि हम गृह भेंट के दौरान लगातार अभिभावकों को बच्चों के कुपोषण से दूर रखने के उपाय और उससे बच्चों को होने वाले नुकसान की जानकारी देते रहते हैं। इस दौरान महिला बाल विकास विभाग संचालनालय और जिला कार्यालय के अधिकारीगण और पोषण विशेषज्ञ डॉ. स्मृति वाजपेयी भी मौजूद थे।
सुपोषण वाटिका देखी- वल्र्ड बैंक की टीम ने आंगनबाड़ी में बच्चों के लिए तैयार की गई सुपोषण वाटिका भी देखी। यहां फलदार पौधे और सब्जी लगाई गई हैं ताकि बच्चों के भोजन में पर्याप्त पोषक तत्व मौजूद रहें।