- वास्तुकला एवं योजना संकाय के छात्र छात्राओं ने जागरूकता के साथ रचनात्मकता का दिया परिचय ।
- छात्रों के साथ कलाकार शिक्षकों गिरीश पांडेय ,धीरज यादव और रत्नकांत प्रिया ने भी पेपर बैग बनाये साथ ही छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान किया
लखनऊ , 15 फ़रवरी. पेपर बैग आज के जमाने में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एक बहुत ही अच्छा इको-फ्रेंडली बैग है। जो हमारे प्रकृति और पर्यावरण को बैलेंस रखने में मदद करता है। पेपर बैग का दूसरा सबसे अच्छा बेनिफिट यह है कि हम अपने कल्चर और ट्रेडिशन के आर्ट को तो बैग के जरीए शो कर सकते हैं और प्रमोट भी कर सकते हैं। क्योंकि आधुनिक युग में लोग अपने संस्कृति और परंपरा को भूलते जा रहे हैं। यह अफोर्डेबल भी है और इस बैग को कोई भी आसानी से खरीद सकता है और बना भी सकता है।
Faculty of Architecture and Planning, AKTU news : प्लास्टिक न केवल सड़कों पर गंदगी का कारण है बल्कि समुद्र या नदियों में भी प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक ही है। बता दें की प्लास्टिक को जमीन में गलने में सालों लग जाते हैं और इनसे मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है। वहीं पेपर बैग बड़ी आसानी से नष्ट हो जाता है और यह प्रदूषण भी नहीं फैलाता है। पेपर बैग की खास बात यह है कि इसे 100% तक रीसाइकल भी किया जा सकता है। प्लास्टिक की जगह पेपर बैग इस्तेमाल करना पर्यावरण के लिए अनुकूल है। पेपर मुख्य रूप से बांस एवं घास से बनाया जाता है। पर्यावरण दूषित नहीं होगा और धरती की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी। प्लास्टिक हमारे स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए हानिकारक है।
campus news : उक्त जानकारी देते हुए भूपेंद्र कुमार अस्थाना ( bhupendra k. asthana Fine Art Professional ) ने बताया कि बुधवार को वास्तुकला एवं योजना संकाय, टैगोर मार्ग प्रांगण (Faculty of Architecture and Planning, AKTU) में वास्तुकला के प्रथम वर्ष के 75 छात्र छात्राओं ने पेपर बैग बनाया और उसे अपने कलात्मक तरीके से चित्रित किया। और पेपर बैग का इस्तेमाल करने के लिए अपने विचार भी प्रस्तुत किये। छात्रों के साथ कलाकार शिक्षकों गिरीश पांडेय ,धीरज यादव और रत्नकांत प्रिया ने भी पेपर बैग बनाये साथ ही छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान किया।