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राष्ट्रीय बालिका दिवस : समाज में बालिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका और उनके समुचित सम्मान के प्रति ध्यानाकर्षण का प्रतीक : डॉ लीना मिश्र

  • सरकारी नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है : रूपम तिवारी
  • बालिका विद्यालय में राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन
  • भारत विकास परिषद, महिला शाखा, चौक द्वारा बांटी गई कुर्तियां और पुष्टाहार

लखनऊ। भारतवर्ष जैसे सांस्कृतिक, आर्थिक और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध देश में आज भी राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की आवश्यकता पड़ रही है तो निश्चित रूप से हम सबको गंभीरता से सोचना चाहिए कि आज देश की आजादी के अमृत महोत्सव मनाए जाने तक की यात्रा में हमारे देश की बालिकाएं स्वावलंबी, आत्मविश्वासी और परिवार से लेकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मसलों तक निर्णय लेने या नीतियों का सृजन करने में सक्षम क्यों नहीं हुई है? या उन्हें समुचित अवसर क्यों नहीं मिला है? उत्तर है बालिका शिक्षा और उनके स्वास्थ्य के प्रति और ध्यान देने की जरूरत।

हालांकि विगत वर्षों में देखा गया है कि एक पिता, अभिभावक, भाई और पति के रूप में महिलाओं को पुरुषों का सराहनीय सहयोग और संरक्षण प्राप्त हुआ है फिर भी शायद वह नाकाफी है या इस विचार और अदम्य इच्छाशक्ति का सुदूर क्षेत्रों तक प्रसार नहीं हो पाया है। इसीलिए इस देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस मना कर इस ओर ध्यानाकर्षण करने की आवश्यकता पड़ रही है ताकि बेटियां सम्मानजनक जिंदगी जी सकें। बेटियों के प्रति सरकार की अनेक प्रभावी नीतियां और कानून हैं जिनकी समुचित जानकारी देने और जमीनी स्तर पर उनको व्यवहार में लाने की आवश्यकता है, तभी लिंगभेद सहित अनेक सामाजिक आसमानताओं को दूर करते हुए हम बेटियों को खुले आसमान में उड़ने के लिए छोड़ सकते हैं।

बालिका शिक्षा और उनका अच्छा स्वास्थ्य इस मिशन को पूरा करने की सबसे बड़ी आवश्यकता है। बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज (BALIKA VIDYALAYA INTER COLLEGE MOTINAGAR LUCKNOW ) बेटियों को शिक्षित करने के साथ ही उनके स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक रहता है। इसीलिए राष्ट्रीय बालिका दिवस को उत्सव के रूप में मनाते हुए बालिका विद्यालय में वस्त्र और खाद्य सामग्री बांटी गई। राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत महिला एवं बाल विकास, भारत सरकार ने 2008 में की थी। पर इस विद्यालय में वर्ष पर्यन्त बेटियों की सुरक्षा और उत्थान के लिए विभिन्न प्रभावी आयोजन किए जाते हैं, जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, बालिका लिंगानुपात संबंधी जागरूकता, बालिकाओ का स्वास्थ्य परीक्षण और महिला रोगों के प्रति जागरूकता, बालिकाओं के स्वरोजगार और सुरक्षा संबंधी कार्यक्रम आदि।

इसी क्रम में बालिका विद्यालय इंटरमीडिएट कॉलेज (BALIKA VIDYALAYA INTER COLLEGE MOTINAGAR LUCKNOW) में आज के दिन का उत्सव मनाते हुए भारत विकास परिषद, महिला शाखा, चौक ने बेटियों को लखनऊ की विशेष पहचान चिकन की कुर्तियां बांटी। कार्यक्रम में विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र ने संस्था को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बेटियों के हक में सक्षम लोगों को आगे आने की अपील की। छात्राओं ने इस अवसर पर स्लोगन और पोस्टर बनाए तथा गीत प्रस्तुत किए। श्रीमती रूपम तिवारी, क्षेत्रीय सचिव, महिला एवं बाल विकास ने छात्राओं को संबोधित किया और उन्हें राष्ट्रीय बालिका दिवस के प्रारंभ और उसके उद्देश्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। साथ ही कुपोषण से कैसे बच सकती हैं और आत्मरक्षा प्रशिक्षण का उनके जीवन में क्या महत्व है, छात्राओं को समझाया।

विद्यालय की 41 छात्राओं को भारत विकास परिषद महिला शाखा चौक की अध्यक्ष सुश्री कंचन अग्रवाल, कोषाध्यक्ष  मंजू अग्रवाल, क्षेत्रीय सचिव महिला एवं बाल विकास रूपम तिवारी, राष्ट्रीय प्रोजेक्ट सदस्य सत्येंद्र सिंह द्वारा चिकन के कुर्ते तथा खाद्य सामग्री बांटी गई। छात्राओं को उनके उन्नयन से संबंधित अनेक सरकारी और गैरसरकारी नीतियों तथा प्रदान की जाने वाली सहायता के बारे में बताकर उन्हें को प्रोत्साहित किया गया। यह कार्यक्रम विद्यालय की शिक्षिका  पूनम यादव, मंजुला यादव और मीनाक्षी गौतम के निर्देशन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विद्यालय की शिक्षिकाएं और छात्राएं उपस्थित थीं।

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