बिलासपुर। bilaspur education news : गणतन्त्र दिवस के अवसर पर शासन स्तर से आदेश जारी किया गया है कि स्कूल स्तर पर बच्चों के किसी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगें। इस आदेश के बाद से शिक्षा विभाग के शिक्षकों में नाराजगी है । वे इसे बच्चों के साथ भेदभाव बता रहे हैं । छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष सीके महिलांगे ने इस आदेश पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। महिलांगे ने कहा पूरे देश और प्रदेश में लगातार कार्यक्रम हो रहे हैं लेकिन छतीसगढ़ शासन ने संशोधित आदेश जारी करके बच्चों को न्रश किया है, जो किसी भी सूरत मेंउचित नहीं है। इसल्ये सरकार इसे वापस ले।
प्रधान पाठक कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष सीके महिलांगे का कहना है कि प्रत्येक शाला स्तर पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रम और रैली ग्राम स्तर पर भी होना चाहिए। इससे बच्चों की छुपी हुई प्रतिभा सामने आती है । बच्चों का शारीरिक, मानसिक विकास भी से संभव होता है। बच्चों के मन में एक प्रकार का राष्ट्रीय पर्व पर विशेष उत्साह रहता है। इस कारण स्कूल स्तर पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए आदेश होना चाहिए। स्कूल के बच्चों में सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होने के कारण बच्चों के मन में आक्रोश गुस्सा जाहिर हो रहा है ।
प्रांताध्यक्ष सीके महिलांगे का कहना है कि बिलासपुर में इतना बड़ा व्यापार मेला हो पूर्ण हो गया , वहां कोविड-19 का पालन ही नहीं हुआ ना किसी को करना हुआ ना किसी को कुछ फिर सरकार के द्वारा गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व पर बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम और रैली पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। स्कूली स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा इस आदेश के अनुसार ग्रामीण स्तर के मिडिल स्कूल और प्राइमरी स्कूल के बच्चों के साथ अन्याय पूर्ण आदेश है।
bilaspur education news : उन्होने बताया कि इस आदेश के तहत स्कूल स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हो पाएगा इस तरह बच्चों के साथ अन्याय कब तक होता रहेगा। बच्चों में राष्ट्रीय पर्व पर एक विशेष उत्साह उमंग के साथ बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेते हैं और बच्चे साल भर इंतजार करते रहते हैं । बच्चों के साथ या अन्याय पूर्ण आदेश है इस पर पुनर्विचार होना चाहिए । गणतंत्र दिवस और 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्व पर बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम और रैली में रोक लगाना गलत है बच्चों के मन में एक गलत संदेश जा रहा है ऐसे आदेश को तुगलकी फरमान कहा जा सकता है ।