Breaking News

Chhattisgarh : पढि़ए कैसे वनवासी महिलाओं ने आत्मनिर्भरता के गढ़े नये प्रतिमान, मसाले, बिस्कुट निर्माण से लेकर मुर्गी पालन जैसे कई कामों में पाई सफलता

खास बातें
* एक छोटे से गांव बोलबोला की ‘तुलसी’ स्व-सहायता समूह की सदस्य की मेहनत
* मसाले, बिस्कुट, स्लीपर, दोना-पत्तल निर्माण से लेकर पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farm) जैसे काम कर रहीं
* समूह की सदस्याएं प्रतिदिन 200 रूपये की आय अर्जित कर रही हैं
* समूह में कुल 70 महिलाएं कार्यरत हैं

रायपुर. सीधी सरल वनवासी महिलाएं अब स्वरोजगार के कई ऐसे क्षेत्रो में प्रवेश कर रही हैं, जिसके बारे में पहले किसी ने सोचा तक न था। पहले खेती, मजदूरी या फिर वनोपज संग्रहण करके अपना जीवनयापन करने वाली ये महिलाएं अब मसाले, बिस्कुट, स्लीपर, दोना-पत्तल निर्माण से लेकर पोल्ट्री फार्मिंग जैसे कई कामों में सफलता के कीर्तिमान रच रही हैं। हाथ में निरंतर आमदनी आने से इनके आत्मविश्वास में भरपूर इजाफा हुआ है। परिवार की होने वाली आय में अब इनके योगदान से सुखद बदलाव आने लगा है।

महिलाओं में स्वावलंबन का यह अध्याय शुरू हुआ है पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के माध्यम से। इसका सकारात्मक प्रभाव कोण्डागांव के एक छोटे से गांव बोलबोला की ‘तुलसी’ स्व-सहायता समूह (Tulsi self help group) की सदस्यों पर भी स्पष्ट दिखाई देता है। समूह की महिलाएं मसाले निर्माण, कुकीज, बेकरी, बिस्किट, आचार, दोना-पत्तल निर्माण, नॉन वूलन बैग, स्लीपर निर्माण जैसे 12 निर्माण गतिविधियों से जुड़कर प्रतिदिन 200 रूपये की आय अर्जित कर रही हैं।

प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने भी सराहा
कोण्डागांव जिले में बिहान अंतर्गत संचालित ‘उड़ान’ संस्था के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार के विभिन्न नये-नये क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जा रहा है। उड़ान संस्थान से प्रशिक्षित तुलसी समूह की अध्यक्ष संतोषी नेताम बताती हैं कि उनके समूह में कुल 70 महिलाएं कार्यरत हैं। इनमें से अधिकांश महिलाएं कम पढ़ी लिखी हैं। ये महिलाएं पहले घर गृहस्थी अथवा खेती-किसानी का कार्य ही करती थीं परन्तु अब स्थिति बदल चुकी है। समूह में ग्राम बोलबोला के साथ उसके आस-पास के ग्राम बड़ेकनेरा, झड़ेबेंदरी, करंजी, कोकोड़ी, जोंधरापदर, सम्बलपुर की महिलाएं भी उत्साहपूर्वक काम कर रही हैं। जिससे इनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है।

इसी प्रकार कुकाडग़ारकापाल गांव की तीन महिला समूह मॉ बम्लेश्वरी, मॉ दंतेश्वरी और शीतला समूह की 32 सदस्य महिलाओं ने कुक्कट पालन करके अण्डा उत्पादन के क्षेत्र में अपनी उपलब्धि अर्जित की है। इन महिलाओं ने 03 जनवरी 2020 से अब तक लगभग 1.5 लाख अण्डे का उत्पादन कर जिला महिला एवं बाल विकास विभाग को विक्रय किया है। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने भी इन महिलाओं द्वारा किये जा रहे काम की सराहना की है।

समूह की अध्यक्ष रीता पटेल ने कहा-
समूह की अध्यक्ष रीता पटेल ने जानकारी दी कि उड़ान संस्था द्वारा तीन मुर्गी शेड का निर्माण किया गया है, जहां 4 हजार 642 मुर्गियां रखी गई हैं। इनसे प्रतिदिन 03 हजार अण्डे का प्राप्त होते हैं। इससे समूह की महिलाओं को प्रतिमाह 06 हजार की आमदनी हो रही है। उन्होंने बताया कि विक्रय किये गये अण्डों को आंगनबाडिय़ों में दिया जाता है। जिससे बच्चों में कुपोषण दूर करने में मदद मिल रही है।

Spread your story

Check Also

Motivational story News in hindi : प्रधान पाठक योगेंद्र गौरहा ने बच्चों की निः शुल्क कोचिंग बिल्हा को किए ₹5100 दान, खूब हो रही सराहना

Motivational story News in hindi : प्रधान पाठक योगेंद्र गौरहा ने बच्चों की निः शुल्क कोचिंग बिल्हा को किए ₹5100 दान, खूब हो रही सराहना

Design & developed by Orbish Infotech