खास बातें :
- निवेश अवसरों के मूल्यांकन के लिए विशिष्ट जानकारी प्रदान करना
- सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन संबंधित सवालों का जवाब देना
- रणनीतिक साझीदारों के साथ जुडऩा
- राज्य के विभागों और संबंधित प्राधिकरणों के साथ जमीनी रूप से सहायता प्रदान करना
- ऋण पर 3% ब्याज की छूट
- 6 वर्ष अदायगी अवधि के साथ 2 वर्ष अवधि की छूट
- 750 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी
नई दिल्ली. पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी), भारत सरकार ने डेयरी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और उसे सुगम बनाने को ध्यान में रखते हुए,अपने निवेश सुविधा प्रकोष्ठ के अंतर्गत डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर की स्थापना की है। यह इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर निवेशकों के साथ इंटरफेस के रूप में काम करने के लिए गठित की गई एक क्रॉस फंक्शनल टीम है, जो निवेश चक्र में सहायता प्रदान करेगी।
इसके अलावा, पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) के साथ मिलकर डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर वैश्विक एवं स्थानीय उद्योग प्रतिभागियों के साथ मिलकर कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगा और निवेशकों के साथ आमने-सामने चर्चा करेगा जिससे उनके दृष्टिकोण को समझा जा सके, सरकारी अधिकारियों के साथ उनकी सीधी बातचीत को सुगम बनाया जा सके और उद्योग के अन्य निवेशकों के साथ जुड़ा जा सके।
15,000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित
डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर द्वारा निवेशकों के बीच पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ) के बारे में जागरूकता फैलाने का भी काम किया जाता है। एएचआईडीएफ, भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की प्रमुख योजनाओं में से एक है जिसके अंतर्गत उद्यमियों, निजी कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और संभाग 8 कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया गया है। पात्र संस्थाओं द्वारा इस योजना का लाभ डेयरी प्रसंस्करण एवं संबंधित मूल्य संवर्धन बुनियादी अवसंरचना, मांस प्रसंस्करण एवं संबंधित मूल्य संवर्धन बुनियादी अवसंरचना और पशु आहार संयंत्र के क्षेत्रों में नई इकाइयों की स्थापना करने अथवा मौजूदा इकाइयों का विस्तार करने के लिए उठाया जा सकता है।
डीएएचडी द्वारा उन सभी निजी कंपनियों, विशिष्ट उद्यमियों और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित किया जाता है, जो dairy-accelerator@lsmgr.nic.in पर डेयरी क्षेत्र में निवेश करने और इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर तक पहुंच प्राप्त करने में दिलचस्पी दिखाते हैं।
भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश
भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है, जिसका वैश्विक दुग्ध उत्पादन में 23% का योगदान है। पिछले 5 वर्षों में देश के वार्षिक दुग्ध उत्पादन में 6.4% (सीएजीआर) की बढ़ोतरी हुई है। अपने सामाजिक-आर्थिक महत्व के कारण डेयरी, भारत सरकार के लिए एक उच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। यह देश की अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान करने वाला एकमात्र सबसे बड़ा कृषि उत्पाद है और 80 करोड़ से ज्यादा किसानों को सीधे रोजगार प्रदान करता है। इसके अलावा, देश में पैकेज्ड डेयरी उत्पाद का बहुत बड़ा घरेलू बाजार हैं, जिनकी कीमत 2.7 से लेकर 3.0 लाख करोड़ रुपये है।