इन्दौर. स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने आरटीई के तहत निजी विद्यालयों की प्रथम प्रवेशित कक्षा में वंचित समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों के नि:शुल्क प्रवेश के लिये ऑनलाइन लॉटरी खोली। परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मार्गदर्शन अनुसार ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम में कोविड-19 से प्रभावित बच्चों को प्राथमिकता दी गई है।
मध्यप्रदेश देश में आरटीई (Right to Education) के तहत ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम अपनाने वाला अग्रणी राज्य है। इस पारदर्शी व्यवस्था से अभिभावकों को उनके क्षेत्र के स्कूल और उनमें उपलब्ध सीटों की जानकारी के साथ ही ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से उनके बच्चों को स्कूल में सीट आवंटित हो जाएगी। श्री परमार ने लॉटरी में चयनित बच्चों को उनकी स्कूल आवंटित होने पर बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत ने कहा –
आयुक्त, लोक शिक्षण जयश्री कियावत ने कहा कि आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश के लिए पारदर्शी और तकनीक आधारित व्यवस्था अपनाई गई है। ऑनलाइन लॉटरी के लिए दस्तावेज सत्यापन के उपरांत 1 लाख 72 हज़ार 440 बच्चे पात्र हुए हैं, जिन्हें रैंडम पद्धति से स्कूल का आवंटन किया जा रहा है। जिन बच्चों को स्कूल का आवंटन हो रहा है, उन्हें एसएमएस से भी सूचना दी जा रही है। बच्चे उनके आवंटित स्कूलों में 26 जुलाई तक प्रवेश ले सकेंगे। इन बच्चों की फीस सरकार द्वारा नियमानुसार स्कूल के खाते में सीधे ऑनलाइन ट्रांसफर की जाएगी।
संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस ने बताया कि इस वर्ष 1 लाख 99 हजार बच्चों के आवेदन आरटीई के तहत ऑनलाइन आए हैं। इनमें 1 लाख 5 हज़ार बालक और 94 हज़ार बालिकाएँ हैं। नर्सरी की कक्षा के लिए 1 लाख 9 हजार 258, केजी-1 के लिए 55 हज़ार 996, केजी-2 के लिए 4080 और कक्षा पहली के लिए 29 हज़ार 407 आवेदन आए है। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग और एनआईसी से संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।