कलाभिव्यक्ति : फोल्ड,मोल्ड और होल्ड
वास्तुकला एवं योजना संकाय में फाइबर सीट माध्यम में कलात्मक अभिव्यक्ति करते छात्र
लखनऊ, 12 मई, 2022, इसमें कोई दो राय नहीं कि एक कलाकार की सोच गगन में उड़ान भरते एक पंछी की तरह होती है यानि स्वतंत्र, बेफिक्र और कल्पना से परे। आज माध्यम कोई बंधन नहीं, बल्कि अपने विचारों की अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण है। आज कलाकार अपनी कला के जरिए बहुत ही सुंदरता से अपनी भावनाओं, विचारों की अभिव्यक्ति करते जा रहे हैं। और कलाकार अपने आने वाले पीढ़ी को भी इसी प्रकार की जानकारी और उनकी अभिव्यक्ति को एक अवसर प्रदान कर रहे हैं।
इसी विचारों के साथ इन दिनों वास्तुकला एवं योजना संकाय, अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, टैगोर मार्ग में वास्तुकला के छात्र कला अध्यापकों के साथ अलग अलग माध्यमों नए नए प्रयोग कर अभिव्यक्ति की प्रस्तुति कर रहे हैं। यह एक मूर्तिशिल्प का ही रूप है। मूर्तिकला, एक कलात्मक रूप जिसमें कठोर या प्लास्टिक सामग्री को त्रि-आयामी कला वस्तुओं में काम किया जाता है।
इस एक्रेलिक माध्यम में होने वाले कला गतिविधि के विशेषज्ञ के रूप में गिरीश पांडेय,भूपेंद्र कुमार अस्थाना, रत्नप्रिया कांत और धीरज यादव के साथ लगभग 80 छात्र छात्राएं शामिल हुए। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत व्वास्तुकल एवं योजना संकाय में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
संस्था के शिक्षक गिरिश पाण्डेय ने ऐक्रेलिक माध्यम में आकारों के निर्माण की परिकल्पना बताई जिसे छत्रों ने अति उत्साह पूर्वक पूरा किया।