लखनऊ लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) ने शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर 23 अप्रैल को कुलपति प्रोफेसर आलोक राय से भेंट की। कई मुद्दों पर लंबी चर्चा और उनके साथ हुई चर्चा में कई निर्णय लिए गए। लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ मनोज पांडेय और महामंत्री अंशु केडिया ने कुलपति प्रोफेसर राय से संग हुई बातचीत के निर्णय एवं निष्कर्षों की विस्तार से जानकारी दी।
डॉ पांडेय और डॉ केडिया ने बताया कि कुलपति के साथ यह बैठक लुआक्टा कार्यकाारिणी की बैठक दिनांक 15/04/22 को पारित प्रस्ताव के अनुक्रम में की गई थी।
1.लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा परिनियम मे दिए गए प्राविधान के विपरीत कैरियर एडवांसमेन्ट स्कीम के अंतर्गत आने वाले शिक्षक जो प्रोन्नति हेतु विषय विशेषज्ञ की मांग कर रहे हैं उनके समस्त अभिलेख विश्वविद्यालय द्वारा मांगे जा रहे है । अवगत कराना है कि विधिक नियमो के अंतर्गत परिनियम के बिंदु X-B में कुलपति को केवल दो विषय विशेषज्ञ नामित करने का अधिकार है तथा वह किसी भी शिक्षक के अभिलेख नही मंगा सकता है। लुआक्टा द्वारा ज्ञापन में संबंधित शासनादेश ,परिनियम में उल्लिखित प्राविधानों तथा सुसंगत अन्य दस्तावेजो की प्रति भी कुलपति को संलग्नक के रूप में प्रदान की गई। कुलपति द्वारा इस पर अतिशीघ्र निर्णय लिये जाने का आश्वासन दिया गया। लुआक्टा द्वारा स्पष्ट रूप से अवगत कराया गया कि यदि नियमो का उल्लंघन होगा तो संगठन निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा । संगठन का स्पष्ट मत है कि अगर विश्वविद्यालय प्रोन्नति के मुद्दे पर परिनियमावली में दी गई व्यवस्था के विपरीत अपनी मनमानी जारी रखता है तो लुआक्टा आर पार की लड़ाई लड़ेगा।
2. स्नातक स्तर पर अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षको के शोध निर्देशन के अधिकार प्रदान करने तथा वर्तमान सत्र में शोध छात्र आवंटित करने के सम्वन्ध मे कुलपति महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि शोध अध्यादेश को कुलाधिपति महोदय की सहमति हेतु प्रेषित किया गया था, कुलाधिपति कार्यालय से इस सम्बंध में कुछ सूचनाएं मांगी गई थी, जिसे उपलब्ध करा दिया गया है और वर्तमान सत्र के पीएच डी प्रवेश में स्नातक स्तर के शिक्षको को शामिल किया जायेगा और नई प्रवेश प्रक्रिया तभी शुरू होगी जब उन्हें अधिकार प्राप्त हो जायेगा ।
3. लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा जारी परीक्षाओ में शुचिता को लेकर जगह जगह से शिकायते मिली जिससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई । अतः शुचिता एव परीक्षा संचालन के लिये बनाये गये नियमो पर लुआक्टा द्वारा आपत्ति जताई गई, वर्तमान में 250 पंजीकृत छात्रों पर एक सहायक केंद्राध्यक्ष तथा 251-750 पर दो 751-1000 पर तीन तथा 1000 या उससे अधिक पर चार तथा प्रति 1000 पर एक सहायक केंद्राध्यक्ष नियुक्त करने का प्राविधान तथा सचल दल का कार्य भी कक्ष निरीक्षक से कराए जाने के नियम ने शुचिता को कमजोर किया।लुआक्टा ने मांग रखी कि उचित होगा कि प्रति 100 पंजीकृत छात्र पर एक सहायक केंद्राध्यक् नियुक्त किया जाए, साथ ही विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयो मे परीक्षा पद्धति एक रखी जाए।
4--चार जिलों के जुड़ने के कारण महाविद्यालयों के शिक्षकों की हिस्सेदारी 60% से बढ़ाकर 80% की जाय एव पारिश्रमिक के भुगतान पर 23 मार्च 22 से पूर्व के पारिश्रमिक का भुगतान विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालयो को यथाशीघ्र किया जाये। , लुआक्टा ने इस बात पर गहरा रोष प्रकट किया कि परीक्षा के पूर्व परीक्षा समिति की बैठक नही बुलाई गई।
5. ग्रीष्मावकाश की मांग उठाए जाने पर कुलपति जी द्वारा इस संबंध में सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
आशा है शीघ्र ही विश्वविद्यालय द्वारा सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे। संघ प्रोन्नति के मुद्दे पर बराबर संघर्ष कर रहा है। पूर्व में भी लगातार एक माह आप सभी ने मजबूत आंदोलन किया जिसकी परिणति हमे नए शिक्षकों के लिए पीएचडी हेतु 10% सुपर न्यूमेरिक सीट आरक्षित होने एवं ऑनलाइन कोर्स वर्क ,तथा 31 दिसंबर 2018 तक रिफ्रेशर एव ओरिएंटेशन कोर्स की छूट,स्नातक स्तर पर अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षको को शोध कराने हेतु पांच शोध पत्रों के स्थान पर दो शोध पत्र का प्रावधान के रूप में मिली। यद्यपि अभी भी महत्वपूर्ण मांगे लंबित है जिसमे प्रोफेसर पर शासनादेश की तिथि, कट ऑफ डेट की मांग भी है। *हमारे कुछ साथी शीघ्र ही कमेटी के माध्यम से प्रमोशन चाह रहे है, विश्विद्यालय द्वारा उन्हें विषय विशेषज्ञ उपलब्ध कराने से पूर्व पूरे अभिलेख मंगाए जा रहे है, जिसका लुआक्टा कार्यकारिणी द्वारा विरोध किया गया था।दिनांक 23 अप्रैल 22 की बैठक में कुलपति द्वारा शीघ्र ही कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है अतः साथियों से अनुरोध है कि अपने अभिलेख विश्वविद्यालय को अभी न भेजें यदि विश्विद्यालय द्वारा अतिशीघ्र सकारात्मक निर्णय नही लिया जाता है , तो संघ द्वारा आप सभी के सहयोग से आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी ।
लुआक्टा ने साथियों को किया आश्वस्त
लुआक्टा अपने सभी साथियों, आश्वस्त करती है कि नई सरकार के माध्यम से पुनः कट ऑफ डेट सहित सभी लंबित मांगो को मजबूती से सरकार के समक्ष रखेगी लुआक्टा को आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि सभी साथियों की समस्याओं के समाधान में सफल रहेगी . यह भी आग्रह है कि जो साथी परीक्षा से संबंधित सेल या मूल्यांकन प्रक्रिया में सहभागिता करना चाहते है कृपया लुआक्टा को अवगत कराने का कष्ट करें ।