नालंदा/पटना. दुनिया के उच्च प्रतिष्ठित संस्थान नव नालंदा महाविहार के संस्कृत विभाग की ओर से गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी बसंत उत्सव का भव्य आयोजन किया गया ।
इस अवसर पर प्रकृति पूजा एवं बसंत पर्व इस विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नव नालंदा के यशस्वी कुलपति प्रोफेसर वैद्यनाथ लाभ ने कहा कि वसंत उत्सव में पूरे महाविहार परिसर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। संस्कृत विभाग उर्जस्वी है तथा हम सभी को इससे प्रेरणा मिलती है। मैं इस अवसर पर विभाग के अध्यक्ष के सहित विभाग के अध्यापकों का छात्रों को साधुवाद देता हूं कि लोगों ने ऐसा सुंदर कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
पुराने गौरव को प्राप्त करेगा नव नालंदा विहार
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि नव नालंदा महाविहार अपने आप को प्राचीन नालंदा महाविहार का उत्तराधिकारी मानता है तथा उनकी परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखना चाहता है जैसा का विदित है कि नालंदा में न केवल चीनी विद्यार्थी अध्ययन हेतु आया करते थे, अपितु कोरिया, जापान, थाईलैंड, इंडोनेशिया और वर्मा इत्यादि विभिन्न देशों के विद्यार्थी यहां अध्ययन के लिए आया करते थे। नव नालंदा महाविहार स्वरूप को प्राप्त करने के लिए थे और निश्चय ही से प्राप्त करेगा।
त्यौहार जीवन में उत्साह ले आता है
कार्यक्रम में भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग की अध्यक्षा तथा भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय एवं कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति कुलपति प्रोफेसर प्रभाकिरण ने कहा कि भारत की संस्कृति मिलती है। बसंत का त्यौहार हो या बसंत का त्यौहार हो या कोई अन्य त्यौहार हो जीवन में उत्साह ले आता है।
नृत्यांगना सुश्री वैभवी ने दी प्रस्तुति
इस अवसर पर लखनऊ घराने की स्थिति कथक नृत्यांगना सुश्री वैभवी की प्रस्तुति से सभी को अभिभूत कर दिया। वैभवी ने श्रीकृष्ण गीत और आयो रे शुभ दिन आयो पर अपनी विधा कथक के माध्यम से प्रस्तुत कर उपस्थित सज्जनों को अभिभूत कर दिया।
विभाग ने छात्रों ने दी भव्य प्रस्तुति
संस्कृत विभाग के छात्रों ने अति सुंदर प्रस्तुति दी। इसमें आज के समाज व चुनाव नेताओं पर कटाक्ष किया गया है। मां सरस्वती के पूजन के इस अवसर पर संस्कृत विभाग के अध्यक्ष विजय कर्ण ने कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नव नालंदा महाविहार यशस्वी कुलपति वैद्यनाथ लाभ तथा मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रभा किरण जी का उत्तरीय एवं श्रीफल प्रदान कर स्वागत किया।
प्रोफेसर कर्ण ने दी प्रस्तावना
इस कार्यक्रम की प्रस्तावना संस्कृत विभाग के अध्यक्ष आचार्य विजय कुमार कर्ण ने प्रस्तुत की। उन्होंने अपने वक्तव्य में वसंत को सभी रूपों का राजा बनने के रहस्य का विश्लेषण करते हुए बताया कि वन, जल, वायु, और मौसम की दृष्टि से इसकी अनिवार्यता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में आचार्य रुबी कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और जबकि विभाग के विद्यार्थियों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संस्कृत विभाग के इस भव्य आयोजन को नव नालंदा महाविहार परिवार ने भरपूर सराहा।