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छत्तीसगढ़ : दीक्षांत समारोह अविस्मरणीय क्षण, विद्यार्थियों को मिलता है कठोर परिश्रम का प्रतिफल- राज्यपाल उइके

Anusuiya Uikey
Anusuiya Uikey Ji

रायपुर. दीक्षांत समारोह अपने आप में एक अविस्मरणीय क्षण होता है, विशेषकर विद्यार्थियों के लिए यह अति प्रसन्नता का क्षण होता है, क्योंकि इस दिन उन्हें अपने किए गए कठोर परिश्रम का प्रतिफल प्राप्त होता है। दीक्षांत समारोह के अवसर पर विद्यार्थियों को उपाधियों के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण की भी दीक्षा दी जाती है। मुझे विश्वास है कि ये विद्यार्थी, नए एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

यह बात राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कही। वे 5 जुलाई को ओपी जिंदल विश्वविद्यालय ( OP Jindal University) रायगढ़ के प्रथम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि बतौर वर्चुअल रूप से संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को गोल्ड, सिल्वर एवं ब्रांज मेडल तथा प्रमाणपत्र तथा डिग्री वितरित किये गए। राज्यपाल उइके ने उपाधि और मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उनके स्वर्णिम भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

दीक्षांत समारोह शिक्षण संस्थान का विशेष दिन
राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह एक शिक्षण संस्थान के कैलेंडर में एक विशेष दिन है। यह सीखने के एक चरण की परिणीति का प्रतीक है और इस बात से संतुष्ट होने का भी कि विद्यार्थी अब दुनिया का सामना पूरी योग्यता और क्षमता से करने को तत्पर हैं। राज्यपाल ने ओपी जिंदल विश्वविद्यालय ( OP Jindal University) रायगढ़ को उनके उपलब्धियों तथा ऑनलाईन दीक्षांत समारोह के लिए शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों ने ऑनलाइन दीक्षांत समारोह के बजाय वास्तविक दीक्षांत समारोह को प्राथमिकता दी होती, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण यह न्यू नार्मल हो गया है। इस ऑनलाइन दीक्षांत समारोह के आयोजन में ओपी जिंदल विश्वविद्यालय (OP Jindal University) के प्रयासों की मैं सराहना करती हूं।

विद्यार्थियों के अभिभावकों को बधाई दी
राज्यपाल ने विद्यार्थियों के अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन आपके माता-पिता के लिए भी आनंद का दिन है, जिन्होंने आपको शिक्षित करने में काफी मेहनत की है। निश्चित तौर पर कई मामलों में आपके माता-पिता ने आपकी समुचित शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी व्यक्तिगत खुशियों का भी त्याग किया होगा, जिससे आपका भविष्य बेहतर बन सके। इसलिए यह दिन जितना आपका है, समान रूप से उतना ही आपके माता-पिता का भी है।

इस अवसर पर आईआईटी भुवनेश्वर के निदेशक आर.व्ही. राजा कुमार, नवीन जिंदल, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. शिववरण शुक्ला, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रवीण पुरंग उपस्थित थे।

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