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JNU में राष्ट्रविरोधी सोच : अब निमन्त्रण पत्र में लिख दिया भारत के कब्जे वाला कश्मीर , भारी विरोध के बाद वेबिनार हुआ रद्द

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नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इसकी वजह विश्वविद्यालय में आयोजित एक वेबिनार के आमंत्रणपत्र व विषवस्तु में केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर राज्य को भारत के कब्जे वाला कश्मीर बताना है। मामले का खुलासा होने के बाद बड़ी संख्या में Jawaharlal Nehru University के छात्रों व शिक्षकों ने भारी विरोध जताया। कुलपति ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए वेबिनार का आयोजन निरस्त करने की घोषणा कर दी।

इस बार विवाद की वजह बना Jawaharlal Nehru University (JNU) का सेंटर फार वूमन द्वारा कश्मीर विषय पर होने वाले वेबिनार के लिए जारी आमंत्रण पत्र। इस आमंत्रण पर आयोजकों की ओर से लिखा गया था कि भारत के कब्जे वाला कश्मीर बताया गया। इस बात की जानकारी होते ही शिक्षकों व विद्यार्थियों ने विरोध जताना शुरू कर दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर राज्य को भारत के कब्जे वाला कश्मीर बताना घोर आपत्तिजनक है और इस वेबिनार को किसी भी सूरत में नहीं होने देना चाहिए।

परिषद ने पूर्व में इसी Jawaharlal Nehru University में आयोजित कई कार्यक्रमों को राष्ट्रविरोधी बताते हुए कहा कि अब एक आयोजन की तैयारी है। JNU में अखिल भारतीय विद्याथी परिषद के पदाधिकारियों ने तत्काल Jawaharlal Nehru University कुलपति ने शुक्रवार की रात 8.30 बजे होने वाले इस आयोजन को रद्द कर दिया। वेबिनार का विषय 2019 के बाद लैङ्क्षगक प्रतिरोध और नई चुनौतियां रखा गया था। परिषद ने आयोजकों व अनुमति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।

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