रायपुर. गुरु जी के सम्मान पर चोट करने वाली एक बड़ी खबर सूरजपुर जिले की है। धर्मपुरा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधाचार्य शिव धर ओझा को 2000 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है। हैरत की बात यह है कि ओझा अपने ही स्कूल के एक रिटायर्ड कर्मचारी से सातवें वेतनमान का एरियर और एक माह का वेतन भुगतान कराने के लिए यह रिश्वत मांगी थी। बताया जाता है कि कर्मचारी ने जब अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देकर रिश्वत राशि कम करने की बात कही तो ओझा नाराज हो गए। बाद में मामला संभालते हुए रिटायर्ड कर्मचारी ने यह बात एसीबी तक पहुंचाई ताकि रिश्वतखोर प्राचार्य को सबक सिखाया जा सके।
एसीबी की प्लानिंग थी कि ओझा को रंगे हाथ पकड़ा जाय। इसलिए रिश्वत की राशि २ हजार रुपए ओझा को जैसे ही दिए वैसे ही एसीबी की टीम ने उन्हें दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि ओझा ने रिटायर्ड कर्मचारी से कुल 8 हजार रुपए मांगे थे और इसमें से 5500 रुपए पहले ले चुका था और शेष राशि देने के लिए कर्मचारी पर दबाव बना रहा था। इसके अलावा एसीबी ने बेमेतरा से ईई मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के ईई दीनदयाल जायसवाल, दुर्ग में पटवारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव व उसके सहयोगी लेखराम निषाद को भी गिरफ्तार किया है।
हो रही निंदा
प्रधानाचार्य ओझा के रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद शिक्षा विभाग में दिन भर में उसके कारनामों की चर्चा होती रही। इसके पहले भी कई शिक्षकों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में कार्यवाही हो चुकी है। शिक्षा विभाग में कार्यरत ईमानदार व मेहनती शिक्षकों ने ऐसे शिक्षकों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि शिक्षकों के चरित्र को बदनाम करने वालों को सबक मिल सके।