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गुरुद्वारा श्री गुरु अर्जन देवजी हाउसिंग बोर्ड भिलाई….सिख धर्म के पांचवें धर्मगुरु श्री गुरु अर्जन देव जी का 461वां प्रकाश पर्व मनाया गया

भिलाई , 30 अप्रैल ,campussamachar.com, । गुरुद्वारा श्री गुरु अर्जन देवजी हाउसिंग बोर्ड,औद्योगिक क्षेत्र,भिलाई में  आज  30 अप्रैल 2024 मंगलवार को सिख धर्म के पांचवें धर्मगुरु श्री गुरु अर्जन देव जी के 461वें प्रकाश पर्व को समूह संगत की उपस्थिति में मनाया गया। उठी नहीं है क्या संगत को निहाल करने के लिए पंजाब से बुलाए गए कविसर श्री बलविंदर सिंघ जी ने गुरु की जीवनी से संबंधित कविता का पाठ कर सभी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया।साथ ही विश्व के सभी परिवारों, देशों व समाज में सुख ,शांति व सुरक्षा की कामना के कार्यक्रमों में श्री गुरु अर्जन देव साहेब द्वारा रचित सुखमनी साहेब की रूहानी वाणी के पाठ कर कीर्तन भी किया गया।

इसके बाद हजूरी रागी जत्थे के द्वारा कीर्तन किया गया।गुरुद्वारा साहिब के ग्रन्थी श्री गुरमीत सिंघ जी द्वारा कथा के माध्यम से गुरु साहिबान जी की जीवनी से मर्मस्पर्शी शहीदी को याद किया गया।जिसे श्रवण कर संगत भक्ति के भाव से विभोर हो गई।

समाप्ति के अवसर पर कीर्तन व अरदास से गुरु साहिब की कुर्बानियों को याद कर सम्पूर्ण विश्व में आरोग्यता व सुख शांति की अरदास की गई।तत्पश्चात संगत ने कढ़ाह प्रसाद व लंगर ग्रहण किया।संगत ने गुरु साहेब के शीतल स्वभाव को अंगीकार करने का संकल्प भी अपने परिजनों के साथ लिया।इसके साथ गुरुद्वारा श्री गुरु अर्जन देव जी के समिति के दिशानिर्देश व गुरु घर के सेवक श्री सरदूल सिंघ जी के मार्गदर्शन में समर कैम्प में समाज के बच्चों, युवाओं को गुरबाणी पढ़ना, लिखना, शब्द, कीर्तन गाना,वाद्य यंत्र वादन सहित सिख इतिहास की जानकारी देकर देशभक्ति की भावना जागृत भी किया जा रहा है।

पंचम गुरु श्री गुरु अर्जन देव साहब जी के प्रकाश पर्व के बारे में सिख समाज हाउसिंग बोर्ड भिलाई की कमेटी की ओर से जानकारी दी गई कि सिख धर्म के ग्यारहवें गुरु श्री गुरु ग्रंथ साहेब जिनमें 1430 अंगों की रूहानी अमृत बाणी में सर्वाधिक अंग पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी के द्वारा अंकित है। मुगल शासक जहांगीर ने धर्म परिवर्तन हेतु गुरुजी को तपते तवे पर बिठाकर उनके ऊपर तपती रेत डालकर सेकाई की।परन्तु ये अमानवीय यातनाएं भी उनके शीतल स्वभाव को डिगा नही सकी।और तपती रेत से भी उन्होंने निष्ठा भंग नहीं होने दी। गुरु जी ने प्रत्येक कष्ट हंसते-हंसते झेला।इसलिए गुरु साहेब के प्रकाश पर्व का आयोजन सांस्कृतिक विरासतों को सहेजने एवं गुरुओं द्वारा दी गई कुर्बानियों से शिक्षा लेकर खुद भी सदैव अपने देश के लिये सदा कुर्बान होने की भावना जागृत करने के लिये किया जाता है।जिस तरह इतने कष्टों के बाद भी जैसे गुरु के स्वभाव में शीतलता थी।उसी प्रकार यह भाव सारी संगत में होना चाहिए।

गुरु साहेब जी की जयंती के अवसर पर गुरुद्वारे के ग्रन्थी जी ने श्री गुरु अर्जन देव जी द्वारा रचित सुखमनी साहेब के पाठ का सार बताते हुए कहा कि “सुखमनी सुख अमृत प्रभ नाम” , अर्थात सुखमनी साहेब का पाठ सुखों की वह अनमोल मणि है जिसे अगर कोई भी श्रद्धालु प्रभु का अनमोल नाम लेकर पढ़ेगा या श्रवण करेगा।तो वह प्राणी सृष्टि के सभी सुखों को अमृत रूप में प्राप्त कर सदा के लिए प्रभु चरणों में लीन हो जाएग और मोक्ष की प्राप्ति होगी।  यह जानकारी जसवीर सिंघ अध्यक्ष गुरुद्वारा श्री गुरु अर्जन देवजी  हाउसिंग  बोर्ड,औद्योगिक क्षेत्र,भिलाई ने दी है ।

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