Breaking News

Lucknow News : जलज स्मृति सम्मान – 2024 से सम्मानित हुए प्रतिष्ठित छायाचित्रकार अनिल रिसाल, ब्लैक एंड व्हाइट फोटोग्राफी से की थी शुरुआत, जानिए और भी बहुत कुछ

  • समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ वंदना सहगल (अधिष्ठाता, वास्तुकला एवं योजना संकाय) व विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री विजय शर्मा उपस्थित रहे।
  • एक अच्छा फोटोग्राफर सिर्फ अच्छे और ढेर सारे संसाधनों से नहीं बल्कि एक अच्छे विज़न एक अच्छी सोच, दृष्टि और विचार से होता है और यह सभी गुणों से भरपूर हैं अनिल रिसाल हैं।
  • मुझे अभी फोटोग्राफी में बहुत काम करना है, बहुत कुछ सीखना भी है यही इच्छा है – अनिल रिसाल

लखनऊ, 8 फ़रवरी।  campussamachar.com,  पेंटिंग और फोटोग्राफी दोनों ही दृश्यकला का अलग अलग माध्यम है दोनों की तुलना हम एक दूसरे से नहीं कर सकते। अमूमन लोग मेरी छायाचित्रों को कहते हैं कि यह पेंटिंग की तरह है उनके लिए यह जानना अति आवश्यक है कि दोनों ही अपने आपमे अलग विधा है किसी की तुलना किसी से नहीं किया जा सकता। बल्कि इनके सौंदर्य और इनके हर पहलू को जानने की आवश्यकता होती है। और कला में किसी से प्रभावित होना लाज़मी है लेकिन उसकी नकल नहीं करनी चाहिए बल्कि अपनी मौलिकता को प्रस्तुत करने की जरूरत होती है यही मौलिकता भविष्य में स्वयं की पहचान और एक हस्ताक्षर बनती है।

उक्त बातें गुरुवार को जलज स्मृति सम्मान समारोह के दौरान देश के प्रतिष्ठित छायाचित्रकार अनिल रिसाल सिंह (  Anil Risal Singh The Photographer Magician ) ने कही। उन्होंने अपनी फोटोग्राफी यात्रा की चर्चा करते हुए फोटोग्राफी में किये गए समय समय पर प्रयोग को भी विस्तार पूर्वक साझा की।उन्होंने बताया कि मैं शुरू से ही फोटोग्राफी अपने आत्मसंतुष्टि के लिए करता रहा हूँ। मेरा मानना है कि अमूमन सभी कलाकार भी यही करते है। फोटोग्राफी की शुरुआत मैंने श्याम स्वेत फोटोग्राफी से की। पहली फोटो श्याम स्वेत में एक लड़की की पोर्ट्रेट, लैंडस्केप, वाइल्ड लाइफ और फिर जंतर मंतर की है। काफी विचार करने के बाद फिर मैं ब्लैक एंड वाइट लैंडस्केप करना शुरू किया। लगभग 35 साल किया। मेरा मानना है की कलाकार को अपने सृजन प्रक्रिया में निरंतर एक्सपेरिमेंट करते रहना चाहिए। पहले जो मोंटेज फोटोग्राफी लोग करते थे वे कई फोटो को एक साथ जोड़कर बनाते थे। लेकिन मैंने एक प्रयोग किया की एक ही स्पॉट के अलग अलग एंगल के फोटो को उनके अलग अलग भाग एक साथ जोड़कर मोंटेज फोटोग्राफी किया। वर्तमान में कलर फॉर्म और टेक्सचर पर काम कर रहा हूँ। यह मेरे फोटोग्राफी की यात्रा में एक अलग अहमियत रखते हैं। एक अच्छा फोटोग्राफर सिर्फ अच्छे और ढेर सारे संसाधनों से नहीं बल्कि एक अच्छे विज़न एक अच्छी सोच, दृष्टि और विचार से होता है और यह सभी गुणों से भरपूर हैं अनिल रिसाल हैं। और आज के दौर में जहाँ तकनीकी रूप से फोटोग्राफी में अनेकों प्रयोग किये जा रहे हैं वही हमे कला के एस्थेटिक्स को भी ध्यान में रखना चाहिए बिना इसके चित्रों में एक अधूरापन रहता है।

Latest News on Anil Risal Singh : कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए भूपेंद्र अस्थाना ने बताया कि गुरुवार को नगर के वास्तुकला एवं योजना संकाय,पंडित दीनदयाल शैक्षिक भवन, टैगोर मार्ग, नदवा रोड स्थित डिजिटल सभागार में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रूपकृति ओपन आर्ट स्पेस द्वारा प्रदेश के रहे युवा छायाचित्रकार जलज यादव (8 फरवरी 1990-23 अक्टूबर 2020 ) के स्मृति में उनकी 34वीं जयंती पर जलज स्मृति सम्मान समारोह का आयोजन किया किया गया। इस सम्मान समारोह में जलज स्मृति सम्मान -2024 से देश के प्रतिष्ठित छायाचित्रकार श्री अनिल रिसाल सिंह को उनके अप्रतिम योगदान के लिए उन्हें दिया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ वंदना सहगल (अधिष्ठाता, वास्तुकला एवं योजना संकाय) व विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री विजय शर्मा उपस्थित रहे। इस समारोह में कला,साहित्य,संस्कृति से जुड़े विशिष्ट गणमान्य व्यक्तियों और कला छात्रों की उपस्थिति रही। समारोह के मुख्य आयोजक जलज यादव के बड़े भाई व चित्रकार धीरज यादव ने बताया कि यह सम्मान रूपकृति : ओपेन आर्ट स्पेस सांस्कृतिक और रचनात्मक,कलाकार समूह एवं परिवार द्वारा हर वर्ष कला के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले कलाकार को देने का निर्णय लिया गया है। जलज एक अच्छे युवा कलाकार रहे उन्होंने अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम फोटोग्राफी चुना था और जीवन के कम समय में भी उन्होंने बेहतरीन कार्य किया। एक कलाकार को अपने स्मृतियों में चिरकाल तक जीवित रखने का माध्यम उसकी कला पर चर्चा करने से बेहतर और कोई श्रद्धांजलि नहीं हो सकती।

latest lucknow university news : समारोह की शुरुआत जलज यादव के स्मृति में एक चलचित्र के माध्यम से किया गया। उसके बाद अनिल रिसाल के 45 वर्षो के फोटोग्राफी यात्रा पर उनके चुनिंदा छायाचित्रों की एक पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन किया गया। इस प्रस्तुतु में उनके विभिन्न तरीकों से किये गए फोटोग्राफी में प्रयोग दिखे। अनिल रिसाल की फोटोग्राफी में रुचि बचपन से रही। और यही रुचि धीरे धीरे उनका मुख्य लक्ष्य बना और बाद में कैरियर भी। वे मानते हैं कि यह मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि जो मेरा पसन्दीदा रहा वही मेरा व्यवसाय भी बना।और आज भी इसी क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रहा हूँ।

arts college news : छायाचित्रकार अनिल रिसाल ( Anil Risal Singh – Master of Forms and Shapes Photography) का जन्म 1954 में आगरा में हुआ। लेकिन वर्तमान में वे काफी लंबे समय से लखनऊ उत्तर प्रदेश में रहते हैं, रिसाल का फोटोग्राफी में एक विस्तृत और विशाल अनुभव है। श्री रिसाल फेडरेशन ऑफ इंडियन फोटोग्राफी और प्रीमियर नेशनल बॉडी ऑफ फोटोग्राफी के पूर्व अध्यक्ष, कैमरा क्लब लखनऊ के पूर्व अध्यक्ष व आजीवन सदस्य के रूप में भी हैं। 1974 में लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक,1976 में लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और फिर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई से फोटोग्राफी में डिप्लोमा किया। उसके बाद दुनियां भर में व्यापक रूप से यात्रा के साथ फोटोग्राफी की प्रदर्शनी भी लगाई गई। बड़ी संख्या में इनके छायाचित्रों का संग्रह देश व विदेशों के व्यक्तिगत एवं संस्थागत रूप में किया गया है। इनके फोटोग्राफी के लिए इन्हें देश व विदेशों के लगभग 250 पुरस्कार एवं सम्मान से भी सम्मानित किया गया है।

Anil Risal Singh The Photographer Magician  : अनिल रिसाल ( Anil Risal Singh – Master of Forms and Shapes Photography) कहते हैं कि दृश्यकला में एक मौलिक विचार की जरूरत होती है। फोटोग्राफी में अपने मौलिकता के साथ नयापन जरूरी है। फोटोग्राफर के सामने बहुत कुछ होता है वह उनमे से कुछ ख़ास चुनाव के साथ काम करता है। वर्तमान में फोटोग्राफी के टेक्निकल आस्पेक्ट आसान हुए हैं लेकिन इसके साथ एक अच्छे विज़न की भी जरूरत है। हमे अपने चित्रों में विषय बहुत सरल रखने चाहिए। क्योंकि एक कलाकार की जिम्मेदारी भी है कि वह समाज के साथ साझा भी करे।

lucknow news : अनिल रिसाल ने ब्लैक एंड व्हाइट फोटोग्राफी से शुरुआत की जिसमे लैंडस्केप, पोर्ट्रेट, स्टील लाइफ, अब्स्ट्रक्ट, नेचर,वाइल्ड लाइफ, ज्यामितीय आकारों और वर्तमान में फॉर्म्स एंड कलर पर फोटोग्राफी में प्रयोग कर रहे हैं। रिसाल कहते हैं कि मैं कभी प्लान करके फोटोग्राफी नहीं करता। स्पॉट पर अपने विषय के साथ एक प्रयोग जरूर करता हूँ। मैं अति साधारण चीजों में भी खूबसूरती ढूंढ लेता हूँ। देश विदेशों के अनेकों स्थानों पर फोटोग्राफी करने का अवसर मिला है। हम जितना देखकर सीखते हैं उतना अन्य माध्यमों से नहीं। मुझे अभी फोटोग्राफी में बहुत काम करना है और बहुत कुछ सीखना भी है यही इच्छा है।

Spread your story

Check Also

bilaspur school news : छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ के संरक्षक सीके महिलांगे के नेतृत्व में नए DEO अनिल तिवारी को दी गई बधाई और समयमान वेतनमान का ज्ञापन भी सौंपा

bilaspur school news : छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ के संरक्षक सीके महिलांगे के नेतृत्व में नए DEO अनिल तिवारी को दी गई बधाई और समयमान वेतनमान का ज्ञापन भी सौंपा

Design & developed by Orbish Infotech