- भोपाल के एक विशेष कला महोत्सव में भूपेंद्र अस्थाना की कलाकृति का चयन।
लखनऊ, 19 दिसंबर। campussamachar.com, पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रह कर निरंतर कला सृजन करने वाले तीन युवा चित्रकारों की कलाकृतियों का सम्मान देश के अलग अलग प्रदेशों में अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति के लिए चयनित और सम्मानित किए गए। इन तीन चित्रकारों में धीरज यादव, संजय कुमार राज और भूपेंद्र कुमार अस्थाना हैं।
धीरज को अहमदाबाद में मिला सम्मान –
धीरज यादव की दो कलाकृति शीर्षक मिस्टीरियस लाइन विद पेपर और मिस्टीरियस लाइन विद पेपर -1 के लिए धीरज को गुजरात के अहमदाबाद के कला के महत्वपूर्ण योगदान देने वाली संस्था अबीर फाउंडेशन के अबीर इंडिया फर्स्ट टेक 2023 में सम्मानित किया गया। इन्हें सम्मान स्वरूप प्रसस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह और 50 हजार नगद पुरस्कार दिया गया। ज्ञातव्य हो कि धीरज के अलावां सम्मानित होने वाले देश के 9 चित्रकार और थे। धीरज यादव मूल रूप से प्रयागराज के रहने वाले हैं पिछले दस वर्षों से लखनऊ में रहते हुए कला सृजन कर रहे हैं। जिन्हें अनेको पुरस्कार और सम्मान दिए जा चुके हैं साथ ही इनकी कलाकृतियों की प्रदर्शनी देश व विदेशों में लगाई जा चुकी है।
संजय राज को आई फैक्स, नई दिल्ली अवार्ड –
Latest UP News : युवा चित्रकार संजय कुमार राज को उनकी कृति शीर्षक लॉक डाउन नेचर- 6 के लिए यह पुरस्कार ऑल इंडिया फाइन आर्ट एंड क्राफ्ट सोसाइटी, नई दिल्ली द्वारा 96वीं वार्षिक अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी में एक पुरस्कार समारोह में दिया गया। पुरस्कार स्वरूप प्रमाण पत्र और 10,000/- का नगद धनराशि दिया गया। बताते चलें कि इनदिनों लखनऊ के सराका आर्ट गैलरी होटल लेबुआ में संजय के 61 कलाकृतियों की एकल प्रदर्शनी नया क्षितिज शीर्षक से चल रही है जो आगामी 29 दिसंबर 2023 तक आपके अवलोकनार्थ लगी रहेगी। अवश्य अवलोकन करें।
भूपेंद्र अस्थाना की कृति का भोपाल में प्रदर्शनी के लिए चयन –
UP News today : मध्यप्रदेश भोपाल में होने वाले विश्वरंग टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला उत्सव में 5वीं राष्ट्रीय टैगोर पेंटिंग प्रदर्शनी 2023 में भूपेंद्र अस्थाना की कलाकृति का चयन किया गया है। इस बार यह प्रदर्शनी ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा। इस प्रदर्शनी में देश के अलग अलग प्रदेशों से अनेक कलाकारों की भी कृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। भूपेंद्र अस्थाना मूल रूप से आज़मगढ़ के रहने वाले हैं। पिछले बारह वर्षों से लखनऊ में रहते हुए कला सृजन, कला लेखन और अनेक प्रदर्शनियों, सेमिनारों, शिविरों जैसे कलात्मक गतिविधियों में भागीदारी सुनिश्चित करते रहे हैं। देश व विदेशों में भी इनके कृतियों की प्रदर्शनी लगाई जा चुकी है।