बिलासपुर. छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के एक फरमान से स्कूलों के प्रधानपाठक और शिक्षक परेशान हैं। यह मिड डे मील का सूखा राशन ३८ दिन का पहली से आठवंी तक के उन बच्चों को दिया जाना है , जो शासकीय शाला, अनुदान प्राप्त शाला या मदरसाव मकतब में पढ़ते हों। ऐसे बच्चों को उन्हें बच्चों को पढ़ाने के लिए समय तक नहीं मिल रहा है। जानकारी के अनुसार 16जून से 31जुलाई तक सूखा राशन वितरण किया जाना था परंतु प्रधानपाठकों व शिक्षकों को राशन के साथ वितरित की जाने वाली सोयाबीन बड़ी नहीं मिली है। यही कारण है कि राशन वितरण में देरी हो रही है। प्रधानपाठकों ने जब यह मामला उठाया तो फिर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में गंभीरता दिखानी शुरू की है।
जानकारी के अनुसार बिल्हा ब्लाक में संकुल बैठक संकुल केंद्र सेमरताल में हुई। इसमें कई प्रधानपाठकों ने यह मामला उठाया। इसी मीटिंग में अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल सोयाबीन बड़ी नहीं मिलने वाला है। इसलिए स्व सहायता समूह के द्वारा बाजार से सामान के साथ सोयाबीन बड़ी को खरीदना पड़ेगा। इसके बाद ही वितरण किया जाएगा। वितरण के लिए ३० सितंबर तक का समय दिया गया है।
छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष सीके महिलांगे ने कहा कि कई प्रधानपाठकों ने इस आशय की शिकायत की है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है और आने वाले दिनों में इसका समाधान निकलने की उम्मीद है।
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