दिल्ली. देश भर में दिव्यांग जनों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हर प्रकार की सहायता व चिकित्सीय सुविधाओं की व्यवस्था करने वाली संस्था सक्षम की वार्षिक सामान्य मीटिंग (AGM) और राष्ट्रीय कार्यसमिति (NEC) की बैठक मदुरै ((Madurai, Tamil Nadu ) में आयोजित की गई।
दो दिन तक लगातार संगठनात्मक कार्यों की समीक्षा, नई राष्ट्रीय कार्यसमिति की गठन और आगामी दिनों में होने वाले कार्यक्रमों की रुपरेखा बनाने में व्यतीत हुआ। इसमें सक्षम के देश भर में फैले सदस्यों की उपस्थिति विशेष रूप से रही।
पहले दिन मीटिंग में साल भर किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया कि कोरोना काल में सक्षम की ओर से देश में सक्षम कोविड-19 नेटवर्क स्कैन के नाम से धन संग्रह अभियान चलाकर धन एकत्र किया गया इसमें सभी 43 प्रांतों में अपने अपने स्तर से एक करोड़ से अधिक रूपए की राशि का संग्रह किया। इस राशि से दिव्यांगजनों की सभी जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति जैसे चिकित्सीय सुविधाएं, राशन और ऑक्सीजन आदि की जरूरी सुविधाएं प्रदान की गईं।
बैठक के प्रथम दिवस केअंतिम सत्र में संगठन की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हुई। इसमें कार्यसमिति (NEC) का पुनर्गठन गया है। इस पुनर्गठन में अध्यक्ष पद पर तमिलनाडु के गोविंद राज चुने गए हैं, जो पहले कार्यसमिति में संयुक्त मंत्री के पद थे। निवर्तमान अध्यक्ष दयाल सिंह पवार दिल्ली को संगठन में संरक्षक की भूमिका दी गई। बैठक में संगठन की आगामी गतिविधियों पर विशेष रूप से फोकस किया गया। तय किया गया है कि अभी कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की जरूरत है। इसके लिए संगठन की ओर से अक्टूबर माह में पहले प्रांत स्तर पर फिर जिला स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम पूरे 3 माह चलेंगे।
इसी प्रकार एक आर्य जननी नाम से कार्यक्रम को गति देने की भी रूपरेखा तैयार की गई है। इसमें जन्म से विकलांग बच्चों की पारिवारिक स्थिति के मद्देनजर बच्चों को उनके अनुकूल माहौल तैयार किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक कार्यक्रम किए जाएंगे। लोगों को और परिजनों को जागरूक भी किया जाएगा। बैठक में इसके अलावा कई अन्य कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से चर्चा करके उन्हें अधिक व्यवस्थित ढंग से चलने पर सहमति व्यक्त की गई।
उल्लेखनीय है कि सक्षम देश भर दिव्यांगजनों के लिए काम करने वाले स्वयंसेवी संगठनों के लिए अंब्रेेला आर्गनाइजेश की भूमिका में है। वैसे तो देश में ३३ लाख से अधिक स्वयंसेवी संस्थाएं पंजीकृत हैं और दिव्यांगजनों के लिए निश्चित क्षेत्र में काम करती हैं लेकिन सक्षम एकमात्र ऐसा संगठन है जो दिव्यांगजनों की संपूर्ण आवश्यकताओं की चिंता करता है और उनके लिए पारिवारिक वातावरण उपलब्ध कराने में अग्रणी भूमिका निभाता है।