विधिक जागरूकता बढ़ने से समाज में शोषण घटता हैः न्यायाधीश भतपहरी
बिलासपुर. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के विशेष निर्देश पर आज पूरे देश में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इसके तहत बिलासपुर जिला न्यायालय के स्पेशल जज सम्मानीया सुश्री संघ रतना भतपहरी एवं पास्को एक्ट के स्पेशल ज़ज विवेक तिवारी ने नगर के प्रतिष्ठित सी.एम. दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय के एन.एस.एस. प्रकोष्ठ में विधिक जागरूकता शिविर का प्रातः 9 बजे आयोजन किया।
इस शिविर में स्पेशल जज सुश्री संघ रतना भतपहरी ने उपस्थित स्वयंसेवकों को कहा कि विवाह वैध तरीके से करने से ही पत्नी को किसी विवाद की स्थिति में पति से भरण पोषण का लाभ मिलता है। वैध विवाह राजस्व विभाग के अधिकारियों के प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर माना जाता है। उन्होंने आगे कहा कि एक व्यक्ति को अधिकार के साथ कर्तव्यों का निर्वहन करना पड़ता है। आज बेटा और बेटी दोनों को पैत्रिक सम्पत्ति का समान अधिकार मिला हुआ है। किन्तु बेटा और बेटी दोनों का दायित्व है कि वृद्ध माता, पिता की सेवा से पीछे न हटें।
श्री विवेक तिवारी अपने उद्बोधन में कहा कि समाज के लगभग 90 प्रतिशत लोग विधिक रूप से निरक्षर है। उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी नहीं है इसलिए वे शोषित होते रहते हैं। अतः आज समाज के प्रत्येक वर्ग को विधिक रूप से जागरूकता की आवश्यकता है। उन्होंने नाबालिग लड़कियों पर किये गये कोई भी अपराध को एक गंभीर अपराध बताया। इसी तरह से बिना रजिस्ट्रेशन, लाईसेंस और बीमा कराये बिना किसी दुपहिया या चार पहिया गाड़ी को चलाना अपराध की श्रेणी में आता है। यदि उस वाहन को चलाते समय कोई दुर्घटना हो जाती है तो क्षतिपूर्ति दुर्घटना करने वाले के बजाय वाहन मालिक को देना पड़ता है तथा अपराध भी उसी के खिलाफ बनता है।
उन्होंने बताया कि महिला बालक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति ओर मानसिक रूप से दिव्यांग तथा बीमार व्यक्तियों को उचित न्याय दिलाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है जहां से ऐसे वर्ग के व्यक्तियों को निःशुल्क न्यायालयीन सेवा प्राप्त होता है।
इस कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी, डॉ. पी.एल. चन्द्राकर ने किया तथा आभार प्रकट डॉ. के. के. शुक्ला ने किया। इस अवसर पर विशेष रूप से प्रो. रोहित लहरे, खिलेश्वर कृषे, प्रिया मिश्रा, अंकिता मरावी, सूर्यांश पाण्डेय, चन्द्रप्रकाश चन्द्रा, नमन रात्रे एवं मंजू सिंह आदि स्वयंसेवक उपस्थित रहे और अपने विधिक संबंधी शंकाओं का उत्तर प्रश्न के माध्यम से पूछे।
महाविद्यालय के शासी निकाय के चेयरमैन पं. संजय दुबे एवं प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ने कार्यक्रम की सफलता के लिए उपस्थित अतिथियों के लिए आभार प्रकट किये तथा स्वागत किये।