बिलासपुर. गुरू घासीदास विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने में अग्रणी संस्थान बनेगा। यह वक्तव्य GGU-central university Bilaspur के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने ”राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: उच्च शिक्षा में क्रियान्वयन रणनीति” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में दिया। GGU-central university Bilaspur के रजत जयंती सभागार मे 17 सितंबर, 2021 को सुबह 9.15 बजे से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में सबसे पहले अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर मां सरस्वती की प्रतिमा एवं संत गुरू घासीदास के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किये गए। इस दौरान तरंग बैंड ने सरस्वती वंदना व कुलगीत की मोहक प्रस्तुति दी। तत्पश्चात नन्हें पौधे से मंचस्थ अतिथियों का स्वागत किया गया। विश्वविद्यालय में NEP-2020 के क्रियान्वयन समिति के संयोजक प्रो. बीएन तिवारी ने स्वागत उद्बोदन दिया एवं संगोष्ठी के समन्वयक डॉ. सी.एस. वझलवार ने राष्ट्रीय संगोष्ठी की रुपरेखा प्रस्तुत की।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए GGU-central university Bilaspur के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि हमने इस कार्य के लिए चालीस दिनों की समय सीमा निर्धारित की है जिसमें क्रियान्यवन के प्रारूप को मूर्त रूप दिया जा सके। उन्होंने कहा कि संत गुरु घासीदास जी की धरती का नाम राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर प्रतिमान के रूप में स्थापित हो ऐसी मेरी कामना है। पदभार ग्रहण करने के पश्चात से ही मेरी प्राथमिकता में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को संपूर्ण स्वरूप में GGU-central university Bilaspur में लागू करना है। विश्वविद्यालय की क्रियान्वयन समिति निरंतर सक्रियता के साथ प्रयासरत है कि हमारा विश्वविद्यालय एनईपी-2020 को लागू करने वाले अग्रणी उच्च शिक्षण संस्थानों में से एक बने। संगोष्ठी के आयोजकों को सफल आयोजन के लिए बधाई दीं।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि अतुल कोठारी, राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन विषय पर आयोजित संगोष्ठी पर हर्ष व्यक्त करते हुए इसे क्रियान्वयन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम बताया। NEP-2020 के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए कहा कि इस नीति से ऐसे नागरिकों का निर्माण करना है जो विचार, बैद्धिकता एवं कार्य व्यवहार से भारतीय बनें।
NEP-2020 में समग्र विकास का गुण व्याप्त है जिसमें अध्ययन, अध्यापन एवं परीक्षा व रोजगारोन्मुखता निहित है। इसमें सूचना तकनीक के अधिकाधिक उपयोग पर बल दिया गया है। इस नीति में सभी के सकारात्मक एवं सजृनात्मक सुझावों को अंगीकृत किया गया है जिससे हमारी भारतीय ज्ञान परंपरा के वैभवशाली एवं गौरवशाली पुरातन इतिहास व आधुनिकता का समन्वय स्थापित हो सके।
शिक्षा राष्ट्र की नींव होती है
शिक्षा राष्ट्र की नींव होती है जिसके आधार पर राष्ट्र का निर्माण होता है। शिक्षा का आधार सरल से कठिन की ओर होना चाहिए ताकि शिक्षा सभी के लिए सुलभ हो। शिक्षा नीति में पाठ्यक्रम का निधाज़्रण, बहु स्तरीय प्रवेश एवं निकासी योजना, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, विभिन्न कौशल विकास से जुड़े पाठ्यक्रमों का निर्माण, शोध एवं अनुसंधान आदि को शामिल किया गया है।
इस अवसर पर अशोक कड़ेल संचालक मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी भोपाल ने कहा कि शिक्षा से विद्यार्थियों के जीवन में प्रसन्नता एवं आनंद का आगमन होना चाहिए। NEP-2020 में ऐसी सभी बातों का समावेश किया गया है। ओम प्रकाश शर्मा क्षेत्रीय संजोयक शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास भोपाल ने कहा कि शिक्षा नीति में आत्मनिर्भरता का बिंदु अहम है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र को बदलना है तो शिक्षा को बदलना होगा। कार्यक्रम में अतिथियों का स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में GGU-central university Bilaspur कुलसचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन एवं संचालन डॉ. सोनिया स्थापक, सहायक प्राध्यापक शिक्षा विभाग ने किया।
कार्यक्रम में संगोष्ठी के सह-समन्वयक डॉ. सुजीत कुमार एवं डॉ. सम्बित कुमार पाढ़ी सहित समस्त विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हुए। संगोष्ठी में कोविड-19 की सुरक्षा एवं बचाव से जुड़े भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों एवं अन्य नियमों का ध्यान रखा गया।
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