- पूर्व छात्राओं का अपने विद्यालय से जुड़ना, विद्यालय की समृद्धि की राहों का खुलना है : पुष्पलता तिवारी
- समाज में दान देने की प्रवृत्ति में अभिवृद्धि की आवश्यकता : मनमोहन तिवारी
- विद्यालय की छात्राओं को अपनी बड़ी बहनों का अनुभव, सानिध्य और मार्गदर्शन उनका भविष्य प्रशस्त करेगा : डॉ लीना मिश्र
- बालिका विद्यालय, मोती नगर में प्रथम पूर्वछात्रा एवं पूर्व शिक्षिका सम्मेलन एवं सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती का आयोजन
लखनऊ, 31 अक्तूबर । campussamachar.com, अपने कभी पुराने नहीं होते। वे भावनात्मक रूप से अपनी मातृसंस्थाओं से अपने घर की तरह जुड़े होते हैं। वहाँ की हर खुशी पर खुश और हर उपलब्धि पर उत्साहित होते हैं। बालिका विद्यालय, मोती नगर ( Balika Vidyalaya Inter College lucknow ) के अपने आज पूर्वछात्रा एवं पूर्व शिक्षिका के रूप में बरसों बाद आज विद्यालय आये, अपने पढ़ने वाले कक्ष देखे, अपनी बेंच पर बैठे, पसंदीदा शिक्षिकाओं के साथ सेल्फी ली और नाचे-गाये। वास्तव में बालिका विद्यालय ( Balika Vidyalaya Inter College lucknow ) के लिए आज का दिन बेहद खास था जहां पूरा विद्यालय पुष्पलता तिवारी पूर्वछात्रा एवं पूर्वशिक्षिका संघ द्वारा आयोजित पूर्वछात्रा एवं पूर्वशिक्षिका सम्मेलन में उपस्थित हो अपने बचपन को याद कर रहा था। विद्यालय ( Balika Vidyalaya Inter College lucknow ) में यह आज का दिन पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस सम्मेलन में सन 1968 से लेकर अलग-अलग बैच की शिक्षा प्राप्त बहुत सी छात्राएं सम्मिलित हुईं जोकि वर्तमान समय में वैज्ञानिक, डॉक्टर, वकील, शिक्षक, व्यवसायी आदि अनेक क्षेत्रों में अपना मुकाम बनाए हुए हैं।
इस कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय ( Balika Vidyalaya Inter College lucknow ) के संरक्षक एवं प्रबंधक मनमोहन तिवारी के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा समाज सेविका पुष्पलता तिवारी एवं विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र के द्वारा मां सरस्वती को माल्यार्पण से हुआ। इसके पश्चात मंजुला यादव के द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया। श्रीमती प्रतिभा रानी के निर्देशन में विद्यालय की छात्राओं ने मां सरस्वती की वंदना, स्वागत गीत, राजस्थानी, पंजाबी एवं लोक नृत्य एवं गीतों की सुंदर प्रस्तुतियां दीं। विद्यालय ( Balika Vidyalaya Inter College lucknow ) की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र द्वारा प्रबंधक मनमोहन तिवारी तथा समाजसेविका पुष्पलता तिवारी को अंग वस्त्र और तुलसी का पौधा भेंट करके उनका स्वागत किया गया। प्रबंधक मनमोहन तिवारी द्वारा विद्यालय की सेवानिवृत्त शिक्षिकाओं सरला विरमानी तथा संगीता सरीन को अंग वस्त्र एवं तुलसी का पौधा भेंट करके उनका सम्मान किया गया।
विद्यालय की पूर्व प्रधानाचार्य सुधा शर्मा को डॉ लीना मिश्र द्वारा बाल वृक्ष भेंट किया गया। तत्पश्चात विद्यालय के प्रबंधक, प्रधानाचार्य एवं समस्त शिक्षिकाओं सीमा आलोक वार्ष्णेय, शालिनी श्रीवास्तव, पूनम यादव, उत्तरा सिंह, ऋचा अवस्थी, अनीता श्रीवास्तव, माधवी सिंह, रागिनी यादव, मंजुला यादव, प्रतिभा रानी और रितु सिंह द्वारा विद्यालय की पूर्व छात्राओं को तुलसी का पौधा भेंट करके उनका स्वागत किया गया।
Balika Vidyalaya Inter College lucknow latest : प्रबंधक द्वारा अपने उद्बोधन में पुराने दिनों और सामाजिक मूल्यों को याद करते हुए विद्यालय की पूर्व छात्राओं एवं शिक्षिकाओं से यह अपील की कि वे सभी विद्यालय के विकास एवं यहां पढ़ने वाली छात्राओं के उत्थान के लिए तन, मन, धन से यथासंभव सहायता करेंगी एवं पंडित भृगुदत्त तिवारी एवं चंद्रदत्त तिवारी के अथक प्रयासों से खोले गए इस विद्यालय को ऊंचाइयों तक ले जाने में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगी। पूर्व छात्राओं ने सभी के साथ अपने अनुभव साझा किए तथा विद्यालय ( Balika Vidyalaya Inter College lucknow ) का सब प्रकार से सहयोग करने का आश्वासन दिया तथा नृत्य, गीत इत्यादि के माध्यम से अपनी स्मृतियों को ताजा किया। कार्यक्रम के सफल संचालन में विद्यालय ( Balika Vidyalaya Inter College lucknow ) की समस्त शिक्षिकाओं,छात्राओं तथा कर्मचारियों का पूरा सहयोग रहा।
Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti : साथ ही साथ आज इकतीस अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिवस (Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti ) के अवसर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया गया। रन फॉर यूनिटी के अंतर्गत छात्राओं ने दौड़ में भाग लिया तथा इस अवसर पर सभी के द्वारा देश की एकता एवं अखंडता को बनाए रखने की शपथ ली गई। सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर विद्यालय ( Balika Vidyalaya Inter College lucknow ) की प्रधानाचार्य डॉ लीना मिश्र, समस्त शिक्षिकाओं, छात्राओं तथा पूर्व छात्राओं ने पुष्प अर्पित किए और उनके जीवन, व्यक्तित्त्व तथा देश के लिए किये गये अवदान पर चर्चा की। सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के आयोजन में पूनम यादव, उत्तरा सिंह और मंजुला यादव का पूरा योगदान रहा।