- रामाशीष के 53 जलरंग चित्रों को इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था। इस प्रकार जल रंग चित्रों की एकल प्रदर्शनी बहुत कम ही देखने को मिलती है।
- रामाशीष ने अपनी कला यात्रा के दौरान देश में कई स्थानों पर भ्रमण कर वहां के दृश्य को अपने जल रंग चित्रों के द्वारा प्रदर्शित भी किया।
लखनऊ, 29 अक्टूबर 2023, campussamachar.com, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कला स्रोत आर्ट गैलरी में चल रही रामाशीष चौहान की पांच दिवसीय एकल प्रदर्शनी “वाटर कलर इन फ्रेम” का समापन रविवार को सायं वरिष्ठ वाश चित्रकार राजेन्द्र प्रसाद द्वारा प्रदर्शनी के अवलोकन के साथ किया गया। ज्ञातव्य हो कि इस प्रदर्शनी का उद्घाटन 25 अक्टूबर 2023 को मुख्य अतिथि रतन कुमार प्रधानाचार्य कला एवं शिल्प महाविद्यालय लखनऊ, विशिष्ट अतिथि डॉक्टर श्रद्धा शुक्ला निर्देशक राज ललित कला अकादमी एवं वरिष्ठ कलाकार आलोक कुमार असिस्टेंट प्रोफेसर ललित कला विभाग लखनऊ यूनिवर्सिटी के द्वारा किया गया था।
lu latest news : प्रदर्शनी की विस्तृत जानकारी देते हुए भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि वॉटरकलर फ्रेम जल रंग चित्रों की प्रदर्शनी रही है। जिसमें लखनऊ के खूबसूरत धरोहर के रूप में अनेकों इमारतों को जल रंग द्वारा बहुत खूबसूरती के साथ रामाशीष कुमार चौहान ने अपनी तूलिका द्वारा प्रदर्शित करने की कोशिश की। लखनऊ जो देश की एक ऐतिहासिक नगरी मानी जाती है जहां पर एक से एक भव्य पुरानी इमारतों के लिए प्रचलित है और जो कलाकारों और साहित्यकारों की नगरी के लिए भी जानी जाती रही है। इस प्रदर्शनी में ऐतिहासिक धरोहर के साथ ही लखनऊ के आसपास के इलाके में बसे हुए ग्रामीण जीवन को भी प्रदर्शित किया गया था।
College of Arts and Crafts Lucknow : वास्तव में लैंडस्केप पेंटिंग की इस प्रकार की प्रदर्शनी कई दशकों के बाद जल रंग द्वारा किसी कलाकार के द्वारा महत्त्वपूर्ण कार्य के रूप में प्रदर्शित किया गया। जिसका प्रमाण इन दिनों चल रहे प्रदर्शनी में लगातार चित्रों को देखने के लिए आये हुए दर्शक रहे। जिन्होंने रामाशीष के चित्रों की भूरी भूरी प्रशंसा भी की और लखनऊ के बारे में जानने का न्योता देती रही। साथ ही रामाशीष कुमार चौहान ने अपनी कला यात्रा के दौरान भारत के अनेक स्थानों पर भ्रमण किया और और वहां के दृश्य को अपने जल रंग चित्रों के द्वारा प्रदर्शित भी किया। जैसे जम्मू कश्मीर एवं वाराणसी के भी कुछ चित्र देखने को प्रदर्शनी में मिले और कुछ व्यक्ति चित्र भी लगे हुए थे। रामाशीष के 53 जलरंग चित्रों को इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था।