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समझिए जीवन बीमा की जरूरत और लाभ : श्रीप्रकाश राय, इंश्योरेंस एडवाइजर से

Prakash Rai

लखनऊ. जीवन बीमा का एक खास उद्देश्य यह है कि किसी व्यक्ति की असमय म्रत्यु से उसके परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। भारत में अब भी जीवन बीमा को लेकर झिझक दिखती है। इस बारे में जागरूकता की कमी है और यही बड़ा कारण है कि वर्तमान समय में बड़ी संख्या में लोगों के पास जीवन बीमा नहीं है। पर्याप्त कवर नहीं होना भी एक समस्या है।

आईए इसी सवाल पर जवाब लेते हैं भारतीय जीवन बीमा निगम के इंश्योरेंस एडवाइजर श्री प्रकाश राय से। लंबे समय से इंश्योरेंस एडवाइजर का काम कर रहे श्रीप्रकाश राय अपनी बात को बहुत अच्छे तरीके से समझाते हुए कहते हैं कि इस जवाब को तलाशने से पहले एक और सवाल यह है जीवन बीमा की उपयोगिता क्या है और यह कितनी रकम का होना चाहिये ? वे कहते हैं कि ये दोनों सवाल आपको खुद से सवाल करना होगा। आपकी अपने परिवार के प्रति क्या जिम्मेदारियां है ? इन्हीं एक जिम्मेदारी है बीमा कवर लेना।

समय किसी ने नहीं देखा है ईश्वर न करे कि जिम्मेदारियां पूरी होने से पहले ही अनहोनी घट जाए। इस स्थिति में इन लक्ष्यों के क्या होगा। इसका एक मात्र विकल्प जीवन बीमा ही है। जो आपके परिवार के आत्मसम्मान का रक्षा कवच है। इसको समझने के अलावा आप को कितना जीवन बीमा कवर जरूरी है इसका मूल्यांकन भी करना चाहिए जबकि मानव जीवन का रुपयों में निश्चित मूल्य पता करना असंभव है। लेकिन फिर भी आपका मोल कितना है। इसे मापना आवश्यक है। आपकी अनुपस्थिति में आपके परिवार के लिये आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के लिये कितनी राशि की जरूरत होगी। इसका अनुमान लगाकर मानव जीवन का मूल्यांकन कर सकते है। जीवन बीमा की शब्दावली में बीमाधन और पालिसी धारक के जीवन के मोल का अनुमान ही मानव जीवन का मूल्य है। मानव जीवन का मूल्यांकन करने के बेसिक तरीके में दो कदम शामिल है-पहला सभी खर्चे जैसे घर खर्च और प्रतिदिन के खर्चे जोड़े और दूसरा भविष्य की देनदारियों की गणना करे।

क्या है जीवन बीमा
जीवन बीमा (Life insurance) एक लिखित करार है जो किसी व्यक्ति (बीमाधारी) एवं बीमाप्रदाता के बीच में किया जाता है। इस करार में बीमाप्रदाता, बीमाधारी की मृत्यु या कोई दुर्घटना होने पर उसे कोई पूर्वस्वीकृत राशि देने का वादा करता है। इस वादे के बदले में बीमाधारी व्यक्ति को एक निर्धारित राशि किसी निर्धारित समयान्तराल पर किसी निर्धारित अवधि तक देते रहने के लिये सहमत होता है।

जीवन बीमा में पॉलिसी का भुगतान निश्चित है तथा बीमित घटना का घटित होना भी निशित है किन्तु इसके घटित होने का समय निश्चित नहीं है। इसलिए जीवन बीमा को ‘जीवन आश्वासन’ कहते हैं। जीवन बीमा की विषयवस्तु मनुष्य है।

भारत में पालसी धारक के हितों कि रक्षा करने हेतु,एवं बीमा उद्योग का क्रमबद्ध विनियमन, संवर्धन तथा संबधित व आकस्मिक मामलों पर कार्य करने हेतु बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority / IRDA) का संगठन किया गया है।

जीवन बीमा का महत्व-
* असमय मृत्यु से संरक्षण
* वृद्धावस्था के लिए बचत
* बचत को बढ़ावा मिलता है।
* निवेश की पहल
* साख – जीवन बीमा पॉलिसी की जमानत पर ऋण मिल सकता है।
* सामाजिक सुरक्षा
* जोखिम स्थानान्तरण

जीवन बीमा के प्रकार-
* आवधिक बीमा पॉलिसी
* आजीवन बीमा पॉलिसी
* सामान्य आजीवन बीमा पॉलिसी
* सीमित भुगतान आजीवन बीमा पॉलिसी
* एकमुस्त प्रिमियम आजीवन बीमा पॉलिसी
* स्वास्थ्य बीमा योजनाएँ
* संयुक्त बीमा पॉलिसी
* समूह जीवन बीमा पॉलिसी
* दोहरी दुर्घटना बीमा पॉलिसी

विशेष : इंश्योरेंस एडवाइजर श्रीप्रकाश राय के अपने विचार हैं। संपर्क करने के लिए डायल करें – Mobile no.9450367264 – 9653040358
Gmail:- shriprakashrai80@gmail.com

भारतीय जीवन बीमा निगम के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए लिंक पर जाएं
https://licindia.in/

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