- संगत को बताया गया कि शहीदों के सरताज एवं शान्तिपुंज,आध्यात्मिक जगत में सर्वोच्च स्थान प्राप्त गुरु अरजन देव जी को ब्रह्मज्ञानी कहा जाता है।गणना की दृष्टि से श्री गुरुग्रंथ साहिब में सर्वाधिक वाणी गुरु जी की ही है।
- गुरु साहेब जी को गर्म तपते तवे पर बिठाकर ऊपर से गर्म रेत डाली गई।परन्तु तपता तवा उनके शीतल स्वभाव के सामने सुखदाई बन गया। तपती रेत ने भी उनकी निष्ठा भंग नहीं की। गुरु जी ने प्रत्येक कष्ट हंसते-हंसते झेलकर यही अरदास की।तेरा भाणा मीठा लागे।हरि नाम पदारथ नानक मांगे
भिलाई, 23 मई । गुरुद्वारा श्री गुरु अरजन देवजी हाउसिंग बोर्ड,औद्योगिक क्षेत्र,भिलाई में आज 23 मई 2023 को अपनी जीवनशैली को गुरूओं के समर्पण भाव और शीतल व्यक्तित्व के अनुसार अपने व्यवहार को ढालकर देश व समाज हित में अपना जीवन समर्पित करने का प्रण लेकर शहीदी पर्व मनाया गया।दिनाँक 15/04/2023 से पूरे भारत के सभी गुरुद्वारों के अनुकरण के आधार पर सिख धर्म के पांचवें धर्मगुरु श्री गुरु अरजन देव जी की मर्मस्पर्शी शहीदी की याद में शोक संतप्त होकर परिवार, देश व समाज में सुख ,शांति व सुरक्षा की कामना व अरदास से अनवरत प्रतिदिन शाम 4 बजे से 6 बजे तक सुखमनी साहेब के पाठ का वाचन लगातार 40 दिनों तक किया गया।आज पाठ की समाप्ति पर उपस्थित सभी समाज के श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के रागियों द्वारा सजे कीर्तन दरबार में गुरु जी की कुर्बानियों एवं परमात्मा की महिमा के वर्णन को कीर्तनों कथाओं के माध्यम से सुना।और कार्यक्रमों की समाप्ति पश्चात गुरु को भोग लगाकर कढ़ाह प्रसाद एवं चने व मीठे शर्बत का वितरण उपस्थित श्रद्धालुओं में किया गया।
bhilai news : संगत को बताया गया कि शहीदों के सरताज एवं शान्तिपुंज,आध्यात्मिक जगत में सर्वोच्च स्थान प्राप्त गुरु अरजन देव जी को ब्रह्मज्ञानी कहा जाता है।गणना की दृष्टि से #श्री गुरुग्रंथ साहिब में सर्वाधिक वाणी गुरु जी की ही है।गुरु जी शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी थे। वे दिन-रात संगत सेवा में लगे रहते थे। उनके मन में सभी धर्मो के प्रति अथाह स्नेह था। मानव-कल्याण के लिए उन्होंने आजीवन शुभ कार्य किए।
bhilai durg news : कट्टर-पंथी जहाँगीर के दिल्ली का शासक बनने पर उसे और कोई धर्म पसंद न होने के कारण गुरु जी के धार्मिक और सामाजिक कार्य भी उसे सुखद नहीं लगते थे।शहजादा खुसरो को शरण देने के कारण जहांगीर गुरु जी से नाराज था। 28 अप्रैल, 1606 ई. को बादशाह ने #गुरु जी को परिवार सहित पकड़ने का हुक्म जारी कर उनका परिवार मुरतजाखान के हवाले कर घरबार लूट कर लाहौर पाकिस्तान में अत्यंत यातनाएं देकर उनकी हत्या करवा दी।जिससे गुरु जी ने शहीदी प्राप्त की।अनेक कष्ट झेलते हुए गुरु जी शांत रहे, उनका मन एक बार भी कष्टों से नहीं घबराया।गुरु साहेब जी को गर्म तपते तवे पर बिठाकर ऊपर से गर्म रेत डाली गई।परन्तु तपता तवा उनके शीतल स्वभाव के सामने सुखदाई बन गया। तपती रेत ने भी उनकी निष्ठा भंग नहीं की। गुरु जी ने प्रत्येक कष्ट हंसते-हंसते झेलकर यही अरदास की।तेरा भाणा मीठा लागे।हरि नाम पदारथ नानक मांगे।इसी प्रकार संगत को भी परमात्मा का हर एक हुक्म सहर्ष स्वीकार करना चाहिए।किसी भी परिस्थिति में घबराना नहीं चाहिए।
bhilai news today : #शहीदी पर्व में देशहित में समाज के गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री गुरु अरजन देवजी के अध्यक्ष जसवीर सिंग सैनी जी के साथ कमेटी के मेम्बरों एवं आम सदस्यों ने शपथ ली और प्रण किया कि जिस तरह हमारे पांचवें गुरु #श्री गुरु अरजन देव जी ने अमानवीय यातनाएं सहकर भी अपने देशवासियों के भला ही चाहा।और परमात्मा के हर निर्णय को सहर्ष अंगीकार करने की प्रेरणा ही दी।उसी तरह हम सब एवं हमारा समाज भी उसी तरह सदैव अपने देश,समाज के पर्यावरण,स्वच्छता,सुरक्षा अज्ञानता,भुखमरी, गरीबी जैसी समस्याओं के लिये हमारा समाज सदैव नये अभियानों एवं सेवाओं के माध्यम से इन सब का निराकरण करने के सहभागी बनकर देशहित में सदैव समर्पित रहेंगे।इस शहीदी पर्व के यादगार आयोजन को सफल बनाने में #गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ स्थानीय संगत ने तन,मन,धन से अपना अभूतपूर्व सहयोग प्रदान किया।