नई दिल्ली. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology IIT Roorkee ), रुड़की ने नए दौर की प्रौद्योगिकियों के बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए डाटा साइंस और आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस में विशेषज्ञता के साथ इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, अर्थशास्त्र और प्रबंधन के चुनिंदा क्षेत्रों में सात नए शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू किए हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) में सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने उम्मीद व्यक्त की कि इन कार्यक्रमों से विद्यार्थियों और कामकाजी पेशेवरों को अपने संबंधित क्षेत्रों में मूल्य वर्धन में सहायता मिलेगी। 30 जुलाई, 2021 को एक ऑनलाइन कार्यक्रम में देश के सबसे पुराने प्रौद्योगिकी संस्थान में नए कार्यक्रमों का शुभारम्भ करते हुए उन्होंने कहा, इस तरह की नई पहल लीडर्स को फॉलोवर्स से अलग करती हैं और मैं कार्यक्रमों की रूपरेखा व इससे जुड़ी जानकारियों को सुनकर खासा खुश हूं।
डीएसटी सचिव ने कहा, “नए कार्यक्रमों में वर्तमान में प्रासंगिक जानकारियों का प्रसार और हमारे द्वारा सृजित ज्ञान का उपयोग शामिल है। वे अंतर-विषयक और बहु विषयक हैं तथा साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुरूप भी हैं। इनकी शुरुआत से पता चलता है कि हम कुछ सीमाओं को तोडऩे की राह पर हैं, जो हमने ऐतिहासिक रूप से तैयार की हैं।
यह पीजी डिग्री कोर्स
Indian Institute of Technology IIT Roorkee इन कार्यक्रमों में छह परास्नातक डिग्री कार्यक्रम शामिल हैं और एक पांच वर्षीय एकीकृत कार्यक्रम है, जिनकी पेशकश अगले शैक्षणिक सत्र (2021-22) से विद्यार्थियों को की जाएगी। इनका उद्देश्य ऐसे नए और उभरते हुए क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है जो आज ज्यादा प्रासंगिक बनते जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में सेंटर फॉर आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा साइंस (सीएआईडीएस) के तहत एम. टेक. (आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस) और एम. टेक. (डाटा साइंस), डिजाइन विभाग के तहत एम. डेस. (औद्योगिक डिजाइन) और एमआईएम (मास्टर्स इन इनोवेशन मैनेजमेंट), डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के तहत उद्योग के कामकाजी पेशेवरों के लिए ऑनलाइन एम. टेक. (माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स एंड वीएलएसआई), डिपार्टमेंट ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेस के तहत एमएस अर्थशास्त्र (पांच साल का एकीकृत कार्यक्रम) और प्रस्तावित इंटरनेशनल सेंटर फॉर डैम्स (वर्तमान में हाइड्रोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा समन्वित) के तहत एम. टेक. (बांध सुरक्षा एवं पुनर्वास) शामिल हैं।
क्या बोले आईआईटी रुड़की के चेयरमैन
शुभारम्भ के दौरान, उपस्थित रहे Indian Institute of Technology IIT Roorkee के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन बी. वी. आर. मोहन रेड्डी ने उम्मीद व्यक्त की कि ये नए कार्यक्रम शिक्षा को ज्यादा लचीली, सुलभ और जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया का रूप देकर लोगों की धारणा का बदलकर रख देंगे। उन्होंने कहा, हम आत्म निर्भर भारत पर भी काम कर रहे हैं और इसीलिए, शिक्षा के नए दृष्टिकोण के साथ नए क्षेत्र खासे अहम हैं, उद्यमशीलता के साथ ही नवाचार हमारे भविष्य का अभिन्न अंग है। हमारे पास ज्यादा रोजगार सृजन करने वाले हों, यह सुनिश्चित करने के लिए मैं उद्यमिता कार्यक्रम की सिफारिश करता हूं।
आईआईटी रुड़की के निदेशक बोले-
Indian Institute of Technology IIT Roorkee के निदेशक प्रोफेसर अजित के. चतुर्वेदी ने विश्वास व्यक्त किया कि नए कार्यक्रमों से उच्च शिक्षा में भविष्य की प्रौद्योगिकियों की मांग पूरी होगी। उन्होंने कहा, ये सभी नए शैक्षणिक कार्यक्रम हमारे देश की जरूरतों को पूरा करते हैं। इन्हें कई स्तरों पर सावधानीपूर्वक विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है। इन नए कार्यक्रमों के शुभारम्भ के अवसर पर संस्थान के कई अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।