रायपुर, 24 फरवरी . न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम (new India Literacy Programme ) के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में राज्य के 5 लाख असाक्षरों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 50 हजार स्वयंसेवी शिक्षक तैयार किए जाएंगे। आकांक्षी जिलों एवं कम साक्षरता दर वाले जिलों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। इस योजना में बुनियादी साक्षरता संख्या ज्ञान के अलावा महत्वपूर्ण जीवन कौशल जैसे वित्तीय साक्षरता डिजिटल साक्षरता कानूनी व चुनावी साक्षरता स्वास्थ्य स्वच्छता व्यावसायिक कौशल बुनियादी शिक्षा एवं सतत शिक्षा इत्यादि विशेष जागरूकता के कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।
न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम की प्रोजेक्ट अप्रूवल कमेटी की बैठक में राज्य की ओर से स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव एवं राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक राजेश सिंह राणा ने वर्ष 2023-24 के लिए कार्य योजना प्रस्तुत की। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के केंद्रीय सचिव संजय कुमार और संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी की उपस्थिति में आज वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में देश के विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने-अपने राज्यों की कार्य योजना प्रस्तुत की।
campus news : राणा ने बताया कि राज्य में न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम के अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक उम्र के शिक्षकों का सर्वे कराया जाएगा। सर्वे कराए जाने के बाद उन्हें राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा तैयार प्रवेशिका और अन्य सामग्री की सहायता से ऑनलाइन अध्यापन कराया जाएगा। इसके लिए एससीईआरटी में राज्य साक्षरता केंद्र का विशेष सेल गठित किया गया है।
new India Literacy Programme : राणा ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में इसका क्रियान्वयन किया जाएगा। राज्य में असाक्षरों को आगामी 5 वर्षों में शत-प्रतिशत साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है। इस हेतु सभी जिलों को जिलेवार लक्ष्य तय किया जा रहा है। बैठक में राणा के अलावा प्राधिकरण के सहायक संचालक प्रशांत पांडेय और दिनेश कुमार टांक उपस्थित थे।