ग्वालियर. पहले हम अपने परिवार एवं बच्चों की परवरिश के लिए भी परेशान रहते थे, छोटे-छोटे खर्चों के लिए भी परेशान रहते थे, लेकिन जब से जय मातेश्वरी स्वसहायता समूह (Mateshwari Self Helf Group) से जुडकर घरेलू उत्पाद बनाने लगे हैं, अब नियमित आय प्रारंभ हो गई है तथा अपने परिवार व बच्चों का पालन पोषण भी अच्छी प्रकार से कर पा रहे हैं और कमाई के साथ बचत भी कर रहे हैं।
यह कहना है जय मातेश्वरी स्वसहायता समूह (Mateshwari Self Helf Group) में अन्य महिलाओं के साथ बरी, पापड, अचार एवं नमकीन आदि बनाने का कार्य करने वाली सुनारों की बगिया रामदास घाटी, लश्कर ग्वालियर निवासी कल्पना जाटव का।
उन्होंने बताया कि पहले हम अपने घर पर ही रहते थे, कोई काम नहीं था और छोटे-छोटे खर्चों के लिए परेशान रहते थे। फिर हमें निशा धवले द्वारा राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन नगर निगम ग्वालियर के अंतर्गत बनाए जाने वाले स्वसहायता समूहों के बारे में समझाया तथा कमाई के साथ ही बचत का तरीका भी बताया।
हम सभी की सहमति से हमने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन नगर निगम ग्वालियर से योजना के तहत दिनांक 10 जून 2019 को समूह का गठन किया तथा समूह का एक बैंक खाता खुलवाया गया। जिसमें हम सभी महिलाएं 100-100 रुपए की मासिक बचत कर बैंक खाते में जमा करते हैं तथा किसी महिला को आर्थिक जरूरत पड़ने पर आपसी लेनदेन पर आर्थिक जरूरतें पूरीकर मदद करते हैं। नगर निगम ग्वालियर द्वारा हमें विशेष सहयोग प्रदान किया गया।
कल्पना ने बताया कि इसी प्रकार हम सभी महिलाएं मिलकर निम्न प्रकार की सामग्री जैसे बरी, पापड़, अचार, नमकीन, रुई बत्ती मास्क तथा स्कूलों की गणवेश आदि सामग्री तैयार कर बाजार में विक्रय करते हैं। जिससे महिलाओं को आर्थिक मदद मिलती है। कोरोना संकटकाल के दौरान हमारे समूह द्वारा उत्पाद तैयार कर निगम मुख्यालय, चिड़ियाघर एवं अन्य स्थानों पर स्टाल लगाकर विक्रय कर लाभ कमाया जा रहा है।