लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल 2005 से लागू राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली एनपीएस (NPS) 17 वर्ष बीत जाने के बाद ही आज पूरी तौर पर फेल साबित हो रही है इतनी लंबी अवधि के बाद भी प्रदेश के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के एनपीएस (NPS) खाते का हिसाब किताब रखने में सरकार विफल रही है। माध्यमिक शिक्षक संघ पांडे गुट के प्रांतीय संगठन मंत्री और प्रवक्ता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षकों एवं कर्मचारियों के वेतन से मंगाई भत्ते सहित मूल वेतन का 10% प्रतिमाह कटौती नियमित हो रही है। इसी के बराबर राजयांश के रूप में सरकार द्वारा नियमित खाते में जमा किए जाने का प्रावधान है। संबंधित जमा धनराशि उनके खातों में दर्शाया ही नहीं जा रहा है उनका जमा धनराशि कहां जा रही है ? कुछ अभी तक अता पता ही नहीं चल रहा है इस स्थिति से सूबे के शिक्षक कर्मचारी अत्यंत ही चिंतित हैं।
माध्यमिक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री एवं संगठन के प्रवक्ता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने इस सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का ध्यान आकृष्ट कर उनसे तत्काल हस्तक्षेप किए जाने की मांग की है। त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री से कहा है कि इतने लंबे समय से जिसका लेखा-जोखा का हिसाब किताब शिक्षकों एवं कर्मचारियों को उपलब्ध नहीं कराया जा सका है , इससे वे अपने भविष्य को लेकर अत्यंत चिंतित हैं। त्रिपाठी ने पूरी तौर पर असफल एनपीएस राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS )को समाप्त कर इपीएस पुरानी पेंशन प्रणाली (OPS) सूबे के शिक्षकों एवं कर्मचारियों चलिए लागू किए जाने की मांग की है । उन्होंने अतिसंवेदनशील मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का को हस्तक्षेप करते हुए शिक्षकों एवं कर्मचारियों के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को बंद समाप्त की जाने की पुरजोर मांग की है।