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lucknow education news : फिल्म एवं साहित्य जगत के नामचीन हस्तियों ने किया प्रदर्शनी का अवलोकन

  •  इस प्रदर्शनी का अवलोकन फिल्म जगत के नामचीन हस्तियों प्रसिद्द फिल्म अभिनेता, रंगकर्मी श्री अतुल तिवारी, प्रसिद्द लेखक गीतिका कल्हा, फिल्म जगत के कवि, गीतकार एवं पटकथा लेखक जावेद अख्तर साहब एवं पंचायत वेबसिरिज फिल्म के मशहूर चरित्र उप प्रधान प्रह्लाद के अभिनय करने वाले फैजल मलिक, इतिहासकर रवि भट्ट सहित अनेकों कलाकारों, साहित्यकारों ,कलाप्रेमियों ने किया। सभी मशहूर हस्तियों ने इस प्रदर्शनी की भूरि भूरि प्रशंसा और सराहना की ।
  • मेटाफर लखनऊ लिटफेस्ट – २०२२ में लगाई गयी धीरज यादव के चित्रों की प्रदर्शनी का समापन

लखनऊ,19 दिसंबर.lucknow education news : पिछले दिनों लखनऊ स्थित लेबुआ होटल में संपन्न हुए मेटाफर लखनऊ लिटफेस्ट – 2022 के दौरान कला, फिल्म, संगीत एवं साहित्य से अनेकों नामचीन हस्तियों का आगमन हुआ। इसी मेटाफर लखनऊ लिटफेस्ट – 2022 में प्रदेश के युवा चित्रकार धीरज यादव की कलाकृतियों की भी एकल प्रदर्शनी शीर्षक ” मिस्टीरियस लाइन्स – बुक्स एस आर्ट फॉर्म्स ” लगाई गयी थी। जिसका समापन सोमवार को किया गया। इस प्रदर्शनी की क्यूरेटर डॉ वंदना सहगल ने फेस्ट के विषयानुसार इस प्रदर्शनी का चयन किया जो किताबों से बनी कलाकृतियां रहीं।

lucknow education news : प्रदर्शनी के कोर्डिनेटर भूपेंद्र कुमार अस्थाना  (Bhupendra K. Asthana (@bhupendraasthana) ने बताया कि प्रदर्शनी ” मिस्टीरियस लाइन्स – बुक्स एस आर्ट फॉर्म्स ” में धीरज यादव की 15 कलाकृतियों को प्रदर्शित की गयीं थी। यह बहुत ही शानदार प्रदर्शनी रही। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन शनिवार को देश के प्रसिद्द कथक नृत्यांगना शोभना नारायण और अब्दुल्ला ने किया था। साथ ही इस प्रदर्शनी का अवलोकन फिल्म जगत के नामचीन हस्तियों प्रसिद्द फिल्म अभिनेता, रंगकर्मी श्री अतुल तिवारी, प्रसिद्द लेखक गीतिका कल्हा, फिल्म जगत के कवि, गीतकार एवं पटकथा लेखक जावेद अख्तर साहब एवं पंचायत वेबसिरिज फिल्म के मशहूर चरित्र उप प्रधान प्रह्लाद के अभिनय करने वाले फैजल मलिक, इतिहासकर रवि भट्ट सहित अनेकों कलाकारों, साहित्यकारों ,कलाप्रेमियों ने किया। सभी मशहूर हस्तियों ने इस प्रदर्शनी की भूरि भूरि प्रशंसा और सराहना की ।

campus news : प्रदर्शनी के इस चित्र श्रृंखला में चित्रकार धीरज यादव ने अनेकों पुरानी किताबों का इस्तेमाल किया। धीरज ने अपनी कलात्मक विचारों को पुरानी किताबों पर चित्रित किया था। प्रदर्शनी में प्रदर्शित किताबों में किसी एक पृष्ठ को चुना गया। किताबें ही इस प्रदर्शनी में कैनवास का आधार थीं। इसे इंस्टालेशन कला के रूप में देखा जा सकता है। जो कला के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप एक अद्वितीय गतिशीलता प्रदान करती है। कुछ कार्यों में, अलग-अलग स्थानों पर कागज की कुछ परतों को काटकर विभिन्न स्तरों का निर्माण किया गय। जो फिर से उस वस्तु के पीछे एक परिप्रेक्ष्य बनाता है इसप्रकार इसमें हमारी ऑंखें यात्रा करती है। लगभग मोनोक्रोम में किए गए इन कार्यों में कॉफी वॉश, सोना, क्रीम और काली रेखाएं और छाया के हाइलाइट्स के साथ होती हैं, जो मोनोक्रोम के प्रभुत्व में लगभग भूल जाती है। कुछ कामों में, वह राईस कागज का उपयोग, रेखाओं, आकृतियों और सीसे के काले धब्बों की संरचना के ऊपर एक और परत के रूप में करता है, जो भौतिक रूप से इस तामझाम का निर्माण करता है, जिसके माध्यम से, नीचे की रेखाओं और अंधेरे की कुछ झलकियाँ दिखाई देती हैं और उनमें से कुछ जानबूझकर हैं राइस कागज की परत पर उठा और प्रबलित। यह विकल्प सभी कार्यों को अलग बनाता है क्योंकि नीचे या ऊपर का कालापन अग्रभूमि की तुलना में पृष्ठभूमि के प्रभुत्व को अलग बनाता है।

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