ग्राम सराईपाली में जल स्रोंतों के मध्य उचित प्रबंधन का अभाव
यह सर्वेक्षण विद्यार्थी टीक्वेन्द्र, योगेश, तापसी, रिया, अलविंद, रूबी बानो, स्नेहाशिस, पूजा, सायंतन मण्डल आदि ने किया।
बिलासपुर। chhattisgarh education news बिलासपुर नगर के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थान सी.एम.दुबे स्नातकोत्तर महाविद्यालय के भूगोल विभाग के एम.ए. तृतीय सेमेस्टर के छात्रों ने प्रायोगिक भूगोल के पाठयक्रम के अन्तगर्त ग्राम- सराईपाली, विकासखण्ड- कोटा, जिला बिलासपुर का एक अनुसूची तैयार कर 50 परिवारों का समाजिक अर्थिक सर्वेक्षण किया।
ग्राम-सराईपाली जल संसाधन के हिसाब से एक समृद्ध गांव है। यहाॅ दो बरसाती नाला, दो तालाब, छह हैण्ड पम्प, छह कुआ और पाॅच ट्युबवेल के साथ शासकीय योजना के तहत ”जल जीवन मिशन“ जल के स्रोत है।
ग्राम में ”जल जीवन मिशन“ के कारण पाईप लाईन के माध्यम से घर-घर मे जल सप्लाई होता है। किन्तु नाली के अभाव मे अतिरिक्त जल का विसर्जन उचित ढ़ंग से नही हो पाता है, जिससे आस-पास में कीचड़ रहता है तथा कभी-कभी बिजली गुल होने पर ग्रामीणों को परम्परागत जल स्रोत, जैसे तलाब, कुॅआ, हैण्ड पंप और नाला से निस्तारी हेतु जल प्राप्त करना होता है किंतु इन जल स्रोतांे पर ”जल जीवन मिशन“ के कारण ध्यान नही दिये जाने के कारण से उचित रखरखाव से प्रदुषण फैल जाता है, जो जीव-जन्तुओं के लिये हानिकारक होता है।
campus news : सर्वेक्षक छात्रों ने विभागाध्यक्ष डाॅ. पी.एल. चन्द्राकर प्रो. के. प्रसाद, प्रो. रोहित लहरे, प्रो. महुआ पाठक के निर्देशन में गाॅव मे उपलब्ध सभी जल स्रोतों का निरीक्षण एवं यंत्र से परीक्षण के द्वारा, ग्राम सराईपाली में जल स्रोतों के बीच उत्पन्न उचित प्रबंधन का अभाव पाया तथा कुंआ एवं तालाब के जल प्रदूषित अवस्था में मिला। यह सर्वेक्षण विद्यार्थी टीक्वेन्द्र, योगेश, तापसी, रिया, अलविंद, रूबी बानो, स्नेहाशिस, पूजा, सायंतन मण्डल आदि ने किया।