कोरबा . Chhattisgarh education news कमला नेहरू महाविद्यालय कोरबा ( KN college Korba chhattisgarh) के एमएससी जंतु विज्ञान प्रथम सेमेस्टर के छात्राओं को एक दिवसीय शैक्षणिक कार्यशाला हेतु कोसा बीज केंद्र में शिक्षकों के मार्गदर्शन कोकून से कोसा रेशा प्राप्त होने तक की प्रक्रिया को समझने का प्रयास किया गया।
Latest Education News korba : केन्द्र अधिकारी आर टिग्गा की अनुमति के पश्चात दीपक महंत के द्वारा छात्र छात्राओं को ट्रेनिंग कार्यक्रम के माध्यम से कोसा बनने की प्रक्रिया को समझाया गया । के द्वारा छात्र छात्राओं को ट्रेनिंग कार्यक्रम के माध्यम से कोसा बनने की प्रक्रिया को समझाया गया । ( Kamla Nehru Mahaviyalaya, Korba की छात्राओं द्वारा कोसा बीज तैयार होने से लेकर उससे मशीनों के माध्यम से उत्तम कोटि के रेशों को प्राप्त करने तक की प्रक्रिया का सूक्ष्मता से अवलोकन किया गया। छत्तीसगढ़ में साजा, अर्जुन और शहतूत के पौधों पर भी कोसा कृमि पालन का कार्य किया जाता है। ये रेशमकीट अपना जीवन को बनाए रखने के लिए ‘सुरक्षा कवच’ के रूप में कोसों-कोकुन का निर्माण करते हैं। इन कोकूनों से कोसा धागा निकालकर महिलाओं अच्छा लाभ अर्जित करती है। ग्रामीणों विशेषकर स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने में रेशम का बड़ा योगदान है। कोसाबाड़ी केन्द्र में लक्ष्मी बाई के द्वारा मशीन पर प्रत्यक्ष रूप से पूरी प्रक्रिया को समझाया।
campus news: उक्त कार्य योजना कमला नेहरू महाविद्यालय ( Kamla Nehru Mahaviyalaya, Korba ) के जन्तु विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक निधि सिंह ( Nidhi Singh – Assistant Professor ) एवं वेदव्रत उपाध्याय के नेतृत्व में संपन्न हुआ। इस कार्यशाला का उद्देश्य था कि पाठ्यक्रम में शामिल सेरीकल्चर की विधि को व्यावहारिक रूप से छात्राएं समझ सके। छात्राओं में प्रिया झा ,हेमलता , रीना, नीलम डहरिया, अनीता, संतोषी ,ईशा, अवंतिका ,गंगा इस प्रशिक्षण कार्य में शामिल रहीं।