- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एनएसएस की गतिविधियों को
- बेहतर रूप से कार्यान्वित करने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है डॉ. अब्दुर्रहीम को
लखनऊ. up education news मुमताज पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ.अब्दुर्रहीम शैक्षिक जगत में जाना-पहचाना नाम हैं, खासकर राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी के रूप में उन्होंने राजधानी में जो अलख जगाई थी, उनके प्राचार्य बनने के बाद भी जारी रही और वे अभी भी एनएसएस (nss news ) के वर्तमान व पूर्व स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित करते हैं बल्कि पिछले माह २४ सितंबर को अमीरुद्दौला इस्लामिया कॉलेज और मुमताज पीजी कॉलेज के ऐसे 36 पूर्व स्वयंसेवकों, अधिकारियों को सम्मानित कर एक नयी इबारत भी लिख दी है।
इस आयोजन और एनएसएस से जुड़े सवालों को डॉ.अब्दुर्रहीम से चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि वे 90 के दशक में जब अमीरुद्दौला इस्लामिया डिग्री कॉलेज में शिक्षक थे, तब उन्हें एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी की जिम्मेदारी मिली। इस जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने उत्साही विद्यार्थियों को चयनित कर उन्हें एनएसएस में भर्ती किया और फिर एनएसएस के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सामाजिक कार्य शुरू किए। इनमें मलिन बस्तियों में बच्चों -महिलाओं में शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता, बच्चों की पढ़ाई और स्वच्छता को लेकर विशेष अभियान चलाए। इसी प्रकार विद्यार्थियों में साहित्यिक और सामाजिक गतिविधियों के प्रति अधिक लगाव पैदा करने के लिए तरह-तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित कराई और अंतर महाविद्यालयीन, अंतरविश्वविद्यालयीन प्रतियोगिताओं में अपने कॉलेज के एनएसए के स्वयंसेवकों (nss news ) की भागीदारी सुनिश्चित कराई और वे पुरस्कार प्राप्त कर लौटे। इतना ही नहीं पीआरडी कैंप में भी कॉलेज के स्वयंसेवकों ने भागीदार की एनएसएस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इन सभी आयोजनों में कॉलेज प्रबंधन हर स्तर पर भरपूर सहयोग दिया और इस कारण सफलता मिलती गई।
पूर्व स्वयंसेवकों के सम्मान का कैसे ख्याल आया
पिछले माह मुमताज पीजी कॉलेज में आयोजित सम्मान समारोह की पृष्ठभूमि के बारे में पूछे जाने पर डॉ.अब्दुल रहीम बताते हैं कि लंबे समय से सोच रहा था कि जिन विद्यार्थियों ने मेरे मार्गदर्शन में काम किया है,उन्हें सम्मानित करूं और साथ ही अपने समय के एनएसएस के अधिकारियों को भी। फिर इस विचार को मूर्तरूप देने में कई तरह की बाधाएं भी दिखाई पड़ीं लेकिन सम्मान समारोह पूरी गरिमा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ।
ऐतिहासिक रहा आयोजन
डॉ.अब्दुर्रहीम इस आयोजन को ऐतिहासिक बताते हैं। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में कई ऐसे विद्यार्थी भी आए जो पिछले कई सालों से लखनऊ से बाहर काम करते हैं लेकिन वे सिर्फ इसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए। इनमें हैदराबाद से बैंक अधिकारी अभिषेक द्विवेदी आए। इसी प्रकार पवन खरे,वीर प्रताप सिंह नोएडा से,मोहम्मद आकिल हलद्वानी से, राघव वास्कर सिवान बिहार से आए थे। इसी प्रकार कई रिटायर्ड प्रोफेसर और अधिकारी भी यहां पहुंचे और इस कार्यक्रम को सराहा।
अब आगे की क्या प्लानिंग है
lucknow university news एक सवाल के जवाब में डॉ. अब्दुर्रहीम हंसते हुए कहते हैं कि अब प्राचार्य की भूमिका में हूं और एनएसएस के कार्य देखने के लिए कार्यक्रम अधिकारी हैं। ऐसे में हमारी भूमिका उनको हर कदम पर प्रोत्साहित करने की है। एनएसएस के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन और कॉलेज प्रबंधन की मदद से और बेहतर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और यह आगे भी चलता रहेगा।