लखनऊ . (Lucknow news) यदि प्रकृति का आनंद लेना है तो हमे केवल एक दृष्टा बनना होगा तभी हम प्रकृति के वास्तविक अर्थ में आनंद ले सकते हैं। प्रकृति के एक एक कण में सौंदर्य और निर्मलता है। गगन की विशालता,पर्वतों की विशाल ऊंचाई,समुंदर की गंभीरता और नदी को प्रखरता ही हमारे दृश्य को मजबूत बनाता है। मन को विस्तृत बनाने के लिए प्रकृति का ध्यान के लिए एकांत जरूरी है। और शुद्ध वातावरण ही हमारे जीवन को सुंदर और सुव्यवस्थित बना सकता है। इस धरती को इस ब्रह्मांड को सबसे बड़ा कलाकार ईश्वर ने बड़े ही सुव्यवस्थित ढंग से निर्माण किया है। एक रचनात्मक कार्य करने वाले लोग इस प्रकृति का आनंद अपने रचनात्मक दृष्टि से लेते हैं और उसे अपने विचारों के माध्यम से कोरे कैनवस पर उकेरते हैं। कुछ इसी प्रकार चित्रकार ने अपने कलाकृतियों के माध्यम से एक संदेश के साथ साथ अपने उद्देश्य को दृश्यभाषा में बताने और समझाने की कोशिश की है।
उक्त जानकारी देते हुए फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी के क्यूरेटर भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि लखनऊ स्थित सोमवार को फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी में शीर्षक “द नेचर्स लैप” प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में लखनऊ के चित्रकार राहुल राय के लगभग 39 चित्रों माध्यम ऐक्रेलिक को प्रदर्शित किया गया है।
इस प्रदर्शनी का उद्घाटन फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी में सोमवार की सायं को नगर की मुख्य अतिथि वरिष्ठ वास्तुविद सविता अग्रवाल ( फाउंडिंग पार्टनर म्यूरलेज) एवं विशिष्ट अतिथि रत्न संजय कटियार (आई पी एस) इंस्पेक्टर जनरल लखनऊ फ्रंटियर सशस्त्र सीमा बल भारत सरकार ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस अवसर पर गैलरी की डायरेक्टर नेहा सिंह ने आये हुए सभी गणमान्य व्यक्तियों, कलाकारों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया।
चित्रकार राहुल राय ने अपने चित्रों के बारे में बताया कि मैं प्रकृति का प्रेमी हूँ। प्रकृति को करीब से महसूस करता हूँ और फिर उसे अपने अनुभवों को अपनी अभिव्यक्ति के माध्यम से रंग और तूलिका के माध्यम से व्यक्त करने का सार्थक प्रयास करता हूँ। मैं जब चित्रों का सृजन करता हूँ तो कार्य करते करते खो जाता हूँ और उसी एकाकार होने की प्रक्रिया में मेरी रचना पूर्ण होती है।
राहुल राय एक सेल्फ थॉट चित्रकार हैं। विभिन्न परिस्थितियों के कारण कला की व्यवस्थित शिक्षा नहीं ली है