- विभाजन की विभीषिका पर एक प्रदर्शनी पंजाब नैशनल बैंक, बुधवारी बाजार शाखा में किया गया
बिलासपुर . विभाजन की विभीषिका पर एक प्रदर्शनी का आयोजन आज शाम ठीक 4 बजे पंजाब नैशनल बैंक, बुधवारी बाजार शाखा में किया गया। सर्वप्रथम बंकिमचंद्र चटोपाध्याय रचित वंदेमातरम का सामूहिक पाठ कर प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन पाकिस्तान छोड़कर भारत आये डॉ जी एस अरोरा, कर्नल डॉ पी एल केशरवानी, पंजाब नैशनल बैंक बिलासपुर मंडल के प्रमुख मिलिंद खानखोजे एवं पीएलपी प्रमुख सौभाग्य बारीक ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए कोनी शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक ललित अग्रवाल ने बताया कि लाला लाजपत राय द्वारा 13 अप्रैल 1895 को अनारकली बाजार, लाहौर में स्थापित प्रथम स्वदेशी बैंक भी विभाजन की विभीषिका का शिकार हुआ था। बैंक ने दिल्ली शाखा के मार्फत समस्त शरणार्थियों को उनकी पासबुक में अंकित एक एक पाई का भुगतान कर राष्ट्रधर्म का पालन किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी का संदेश, “देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नही जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखो बहनो और भाइयो को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगो के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्तको विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है.” पढ़कर सुनाया।
मंडल प्रमुख मिलिंद खानखोजे ने बताया कि भारत का विभाजन अभूतपूर्व मानव विस्थापन और मजबूरी में पलायनकी दर्दनाक कहानी है. यह एक ऐसी कहानी है, जिसमे लाखों लोग अजनबियों के बीच एकदम विपरीत वातावरण में नया आशियाना तलाश रहे थे. विश्वास और धार्मिक आधार पर एक हिंसक विभाजन की कहानी होने के अतिरिक्त यह इस बात की भी कहानी है कि कैसे एक जीवन शैली तथा वर्षो पुराने सह-अस्तित्व का युग अचानक और नाटकीय रूप से समाप्त हो गया.
1947 में 7 वर्ष की उम्र में वर्तमान पाकिस्तान से ट्रेन के डिब्बे में सीट के नीचे छुप कर आये डॉ जी एस अरोरा ने बताया कि वह दर्दनाक हादसा कभी भी किसी को भी ना झेलना पड़े। उन्होंने बताया कि लगभग 60 लाख गैर मुसलमान उस क्षेत्र से निकल आए, जो बाद में पश्चिमी पाकिस्तान बन गया. 65 लाख मुसलमान पंजाब, दिल्ली आदि भारतीय हिस्सों से पश्चिमी पाकिस्तान चले गये. 20 लाख गैर मुसलमान पूर्वी बंगाल, जो बाद में पूर्वी पाकिस्तान बन, से निकल कर पश्चिम बंगाल आए. दस लाख मुसलमान पश्चिम बंगाल से पूर्वी पाकिस्तान चले गये.
कर्नल डॉ पी एल केशरवानी ने बताया कि इस विभीषिका में मारे गये लोगो का आंकड़ा 5 लाख बताया जाता है. लेकिन अनुमानत: यह आंकड़ा 5 से 10 लाख के बीच है।
पीएलपी प्रमुख सौभाग्य बारीक ने बताया कि वे अपने नाम के अनुरूप सौभाग्यशाली है कि उन्होंने आजाद भारत मे जन्म लिया है।
ऑल इंडिया पीएनबी रिटायर्ड एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के बिलासपुर मंडल सचिव रुप रतन सिंह ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि वे देश की आजादी की 25वी, 50वी तथा 75वी वर्षगांठ मना चुके है। 2047 में शताब्दी वर्षगांठ सभी को हर्षोल्लास के साथ मनाने हेतु अभी से कमर कस लेनी चाहिए।
आज के कार्यक्रम में मुख्य प्रबन्धक कैलाश झा, विवेक शर्मा, दीप राज, ललित अग्रवाल, सुरेंद्र चावड़ा, रवि टण्डन, दिलीप चोपड़े, श्री रवि पटनायक, असगर हसन खान, एम एम माझी, चंद्रकांत पटेल, अभिषेक तिवारी, अशरफ, प्रिंस सहित बड़ी संख्या में पीएनबी स्टॉफ व ग्राहक बंधु उपस्थित रहे। इस अवसर पर हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगे भी वितरित किये गए.