सीयू में हुआ ‘‘युवा सम्मेलन‘‘ का आयोजन
बिलासपुर. गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय Guru Ghasidas Vishwavidyalaya, Bilaspur ) के रजत जयंती सभागार में 22 जुलाई, को सुबह 10 बजे से ‘‘युवा सम्मेलन‘‘ का आयोजन किया गया। रामकृष्ण आश्रम बिलासपुर एवं गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी निखिलेश्वरानंद जी महाराज, अध्यक्ष रामकृष्ण आश्रम राजकोट गुजरात थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में स्वामी शुद्धिदानंद जी महाराज, अध्यक्ष अद्वैत आश्रम मायावती उत्तराखंड एवं प्रो. नीलांबरी आर. दवे पूर्व प्रभारी कुलपति एवं विभागाध्यक्ष गृह विज्ञान विभाग सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट गुजरात शामिल हुए। अध्यक्षता Guru Ghasidas Vishwavidyalaya, Bilaspur के प्रभारी कुलपति प्रो. अमित सक्सेना ने की।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं मां सरस्वती, बाबा गुरु घासीदास की प्रतिमा एवं स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के साथ ही शांति पाठ किया गया। मंचस्थ अतिथियों का नन्हें पौधे से स्वागत उपरांत कार्यक्रम के संयोजक डॉ. एम.एन. त्रिपाठी ने स्वागत उद्बोधन दिया एवं स्वामी सेवाव्रतानंद जी सचिव ने विषय का प्रवर्तन किया।
स्वामी विवेकानंद जी के सूत्र वाक्य मेरी आशा युवा पीढ़ी से है
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी निखिलेश्वरानंद जी महाराज, अध्यक्ष रामकृष्ण आश्रम राजकोट गुजरात ने अपने वक्तव्य का प्रारंभ स्वामी विवेकानंद जी के सूत्र वाक्य मेरी आशा युवा पीढ़ी से है जो मेरे सपनों के भारत को साकार कर सकते हैं, से किया। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने सभी से आग्रह किया कि भारत से प्रेम करो, अपनी संस्कृति, धर्म, सभ्यता और आध्यतम पर गर्व करो। स्वामी जी ने कहा कि युवाओं को वंचितों, दुर्बल एवं अक्षम लोगों की सहायता का कार्य करना चाहिए। युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयास करना चाहिए जो आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, आत्मज्ञान, आत्मसंयम एवं आत्मत्याग के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में करियर और कैरेक्टर पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्वामी जी के अनुसार भविष्य का निर्माण माता-पिता और गुरु करते हैं ऐसे में विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण से राष्ट्र का निर्माण संभव है।
गुरु पूर्णिमा के पावन माह में विश्वविद्यालय में युवा सम्मेलन के माध्यम से संत समागम हुआ
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि प्रो. नीलांबरी आर. दवे पूर्व प्रभारी कुलपति एवं विभागाध्यक्ष गृह विज्ञान विभाग सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट गुजरात ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि गुरु पूर्णिमा के पावन माह में विश्वविद्यालय में युवा सम्मेलन के माध्यम से संत समागम हुआ है। युवा विद्यार्थियों के लिए यह कार्यक्रम विशेष रूप से लाभप्रद होगा जिसमें वे स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलूओं को गहराई से जान पायेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि प्रवाह के साथ बहो लेकिन जहां बात सिद्धांतों एवं मूल्यों की हो तो वहां पर एक शिला के समान अडिग खड़े रहो। उन्होंने कहा कि कल पर टालने की प्रवृत्ति का त्याग करते हुए जो करना है आज करना है की ओर अग्रसर हों।
प्रो. दवे ने युवा विद्यार्थियों से आव्हान किया कि आप, अपने अभिभावकों, परिवार एवं समाज की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना है इसे निष्फल न रहने दें। अपने गुरुजनों, अभिभावकों के निर्देशों का अनुसरण करें। कोई क्या कहेगा यह मायने नहीं रखता बल्कि सफल होने के पश्चात आप लोगों के विचारों को किस प्रकार बदल देंगे यह अधिक महत्वपूर्ण है। करियर में सफलता आवश्यक है साथ ही समाज और राष्ट्र निर्माण में भी योगदान जरूरी है।
करियर में सफलता आवश्यक है साथ ही समाज और राष्ट्र निर्माण में भी योगदान जरूरी
विशिष्ट अतिथि के रूप में स्वामी शुद्धिदानंद जी महाराज, अध्यक्ष अद्वैत आश्रम मायावती उत्तराखंड ने कहा कि देश की आजादी में स्वामी विवेकानंद जी का अतुलनीय योगदान है। उन्होंने भविष्य के भारत को गढ़ने विषय पर विचार रखते हुए कहा कि हमें राष्ट्र के रूप में संगठित होना होगा, बिखरी हुई इच्छा शक्ति को केन्द्रीभूत करना होगा साथ ही शक्ति का संग्रह कर परिपूर्ण रूप से नये भारत का निर्माण कर सकते है। हमें भारत को समझने के लिए स्वामी विवेकानंद जी के साहित्य को पढ़ना और समझना होगा। हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता और आध्यत्म के प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी कुलपति प्रो. सक्सेना ने कहा कि युवा सम्मेलन के आयोजन से युवाओं में नई ऊर्जा का प्रवाह हुआ होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों के हितों के लिए समर्पित है। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति तक मत रुको के सिद्धांतों का अनुसरण करें।
अतिथियों द्वारा छात्रों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किये गये
इस अवसर पर मंचस्थ अतिथियों का शॉल एवं श्रीफल से सम्मान किया गया। अतिथियों द्वारा छात्रों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किये गये। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन स्वामी चिदविलासानंद जी महाराज रामकृष्ण आश्रम बिलासपुर एवं संचालन डॉ. गरिमा तिवारी सहायक प्राध्यापक वानिकी विभाग Guru Ghasidas Vishwavidyalaya, Bilaspur ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए।