लखनऊ, कला अभिव्यक्ति के लिए एक भाषा प्रदान करती है। और कलाकार अपनी अभिव्यक्ति दृश्य भाषा में व्यक्त करता है। माध्यम कोई भी हो सकता है। और वह सरल भी होनी चाहिये। कला बहुत ही सरलता से अनेक कठिन अवधारणाओं को स्पष्ट कर देती है। अमूर्त अवधारणा को आसान और मूर्त रूप में प्रस्तुत कर देता है। इसी उद्देश्य की कड़ी में प्रदेश के तीन कलाकार ने अपनी अलग अलग माध्यम में बनी घन कलाकृतियों को साउथ कोरिया के एक अंतर्राष्ट्रीय घन प्रदर्शनी में भेजा जो फिर एक बार चयनित कर उसे प्रदर्शित किया गया है।
यह तीन कलाकार लखनऊ से भूपेंद्र कुमार अस्थाना,धीरज यादव और मनीषा कुमारी हैं। जिसमे से भूपेंद्र अस्थाना और मनीषा कुमारी की दूसरी बार,धीरज यादव की तीसरी बार कलाकृति को प्रदर्शित किया गया है। यह अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी ज्यूमगंग क्यूब नेचर आर्ट 2022 है। जिसमे विश्व के अनेकों स्थानों से कलाकार अपनी कृतियों को भेजते हैं। जिसमे सभी कृतियाँ प्राकृतिक तरीकों से बनाई गई घन आकार की होती हैं।
यह प्रदर्शनी कोरिया की कला संस्था और वहां की संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से 2017 से हर वर्ष आयोजित की जाती है। और प्राकृतिक रूप से बनी कलाकृतियों को प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही कला के जरिये प्रकृति के प्रति जागरूकता भी फैलाने का प्रयास करते हैं। इस प्रदर्शनी में जो भी कृतियाँ चयनित होती हैं वह प्राकृतिक चीजों से बनी होती हैं।
भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने इस प्रदर्शनी में कागज़ की लुग्दी से बनी पेपर मैसी वर्क को भेजा है जो आर्किटेक्चरल स्ट्रक्चर के रूप में है इस कृति का शीर्षक भी आर्किटेक्चरल स्ट्रक्चर है जो 11x11x11 सेंटीमीटर के डायमेंशन में है।
इस वर्क के पीछे जो विचार है उसे साझा करते हुए भूपेंद्र अस्थाना ने बताया कि प्रकृति में सबसे बुद्धिमान और सबसे महत्वपूर्ण इंसान है। और इंसान ने अपने जीवन यापन के लिए अनेकों सुविधाओं को लेकर बहुत संवेदनशील रहता है। इसमे सबसे महत्वपूर्ण सुविधा आवास का होता है जिसे लेकर अनेकों तरीकों को अपनाता है और एक सुंदर वास्तु की रचना करता है लेकिन दुर्भाग्य है कि स्वयं इंसान और इंसान के द्वारा जिस भी चीज का निर्माण करता है वह स्थायी नहीं है एक दिन यह सुंदर वास्तु रचना खंडहर में तब्दील ही जाता है लेकिन इस रचना का खंडहर भी एक कलात्मक रूप धारण किये हुए रहता है अपने समयानुसार। इस कलाकृति में माध्यम पेपर मैसी का प्रयोग एक कलात्मक रूप के साथ प्रकृति को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो इसका विशेष ध्यान रखा गया है।
धीरज यादव की कलाकृति मिस्टीरियस लाइंस जो मिश्रित माध्यम में लकड़ी पर बनाया गया है जिसके बारे में धीरज बताते हैं कि मुझे अपनी पुरानी यादों, मेरी संस्कृति, मेरी शक्ति, मेरी ताकत, देवी का चित्र बनाने के लिए पेंटिंग बनाने की आदत है।
मनीषा कुमारी की कलाकृति कलर ऑफ सोल जो धागे से बनाया गया है। इस बारे में मनीषा बताती हैं कि जीवन रंगों से भरा है और जीवन में कई उतार-चढ़ाव हैं लेकिन मेरा मानना है कि रंग हमारे लिए इससे उभरने के लिए सबसे अधिक सहायक हैं, जो मेरी कला में देखे जा सकते हैं।