लखनऊ(उप्र). उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष आज उनके सरकारी आवास पर प्राविधिक शिक्षा विभाग (डिप्लोमा सेक्टर) द्वारा एआईसीटीई विनियम-2019 के लागू होने के उपरान्त अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं की विनियमावली में प्रस्तावित संशोधन तथा फार्मेसी के डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए ‘राज्य सरकार द्वारा अनापत्तिgtfhy (एनओसी) प्रदान करने के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुरूप ही पॉलीटेक्निक/फार्मेसी के कोर्स डिजाइन किए जाएं। उन्होंने कहा कि डिमाण्ड के अनुसार ही इन संस्थाओं द्वारा संचालित कोर्सां को अपग्रेड करना आवश्यक है।
पॉलीटेक्निक के पाठ्यक्रम पास करने वालों की मांग अधिक
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न सेक्टरों में उपलब्ध रोजगार के दृष्टिगत पॉलीटेक्निक संस्थानों द्वारा संचालित कोर्स को उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों की अच्छी मांग है। आवश्यकता इस बात की है कि तकनीकी शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों की क्षमताएं उच्च गुणवत्ता की हों। इससे उनके रोजगार पाने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दृष्टिगत फार्मा सेक्टर में फार्मा कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों की अच्छी मांग है। उन्होंने फार्मा के कोर्सेज को समय की मांग के अनुसार अद्यतन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फार्मा कोर्स पासआउट्स की भविष्य में अच्छी डिमाण्ड रहेगी।
इन पदों पर होंगी भर्तियां
मुख्यमंत्री के समक्ष सचिव प्राविधिक शिक्षा आलोक कुमार ने प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया कि मंत्रिपरिषद के निर्णय के क्रम में राजकीय एवं अनुदानित/सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संस्थाओं में शैक्षणिक पदों हेतु एआईसीटीई के विनियम 2019 के अनुसार सातवें वेतनमान की संस्तुतियों को लागू किये जाने और इसके अनुक्रम में राजकीय एवं अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं की सेवा नियमावली/विनियमावली बनाए जाने का निर्णय लिया गया था। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि मंत्रिपरिषद के निर्णय के क्रम में राजकीय एवं अनुदानित/सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संस्थाओं की शैक्षणिक पदों हेतु सेवा नियमावली/विनियमावली बनाए जाने/संशोधन किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव अलग-अलग संचालित किए गए। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को 23 जून, 2021 को प्रधानाचार्यों, कर्मशाला अधीक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों के कुल 1,357 पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजा जा चुका है।
इस पर मुख्यमंत्री जी ने इन पदों पर शीघ्र तैनाती की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अनुदानित/सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संस्थाओं हेतु विद्यमान विनियमावली-1996 (यथासंशोधित) में संशोधन की कार्यवाही तत्काल पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री को फार्मेसी के डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए ‘राज्य सरकार द्वारा अनापत्ति (एनओसी) प्रदान करने के सम्बन्ध में अवगत कराते हुए सचिव प्राविधिक शिक्षा ने कहा कि वर्तमान में पीसीआई द्वारा वर्ष 2019 में फार्मेसी के नवीन संस्थाओं की स्थापना पर अनुमोदन देने पर 05 वर्ष तक रोक लगायी गयी है।
प्रमुख सचिव ने एनओसी को लेकर ये कहा
पीसीआई द्वारा फार्मेसी की पूर्व से संचालित संस्थाओं में ‘प्रवेश क्षमता में वृद्धिÓ एवं ‘नये फार्मेसी पाठ्यक्रम को संचालितÓ करने में छूट प्रदान की गयी है। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पीसीआई ने अपने 31 दिसम्बर, 2020 के सर्कुलर में यह प्राविधानित किया है कि यदि राज्य सरकार शासनादेश जारी कर एनओसी की व्यवस्था को समाप्त करती है तो अलग से राज्य सरकार द्वारा संस्थाओं को एनओसी निर्गत किए जाने की आवश्यकता नहीं होगी। प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करने के उपरान्त मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी संस्था द्वारा एनओसी अप्लाई करने पर इसका भली-भांति परीक्षण कर समयबद्धता के साथ एनओसी उपलब्ध कराया जाए। एनओसी ऑनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की जाए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।