लखनऊ. अटेवा पेंशन बचाओ मंच उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तर प्रदेश के 13लाख सरकारी कर्मचारियों शिक्षकों अधिकारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मुहिम लगातार जोर पकड़ रही है।
अटेवा द्वारा 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों अधिकारियों की पुरानी पेंशन बहाली के लिए लगातार संघर्षरत है। इसी कड़ी में अटेवा के प्रयास से आज उत्तर प्रदेश के दोनों सदनों में दोनों सदनों में विधानसभा और विधान परिषद में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा जोर-शोर से छाया रहा। सदन में अटेवा व पेंशन बहाली की तख्तियां लगातार लहराते रहे हैं। सभी विधायकों ने पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा सरकार के सामने रखा। सभी विधायकों ने सरकार से उत्तर प्रदेश के 13लाख सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों ,अधिकारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की जिसके जवाब में प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि 7.57 लाख कर्मचारियों ने एनपीएस योजना को ग्रहण की है और सभी कर्मचारियों को सभी लाभ दिए जा रहे हैं।
अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने कहा कि सरकार का यह बयान अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। जिसकी अटेवा पेंशन बचाओ मंच घोर निंदा करता है। साथ ही बन्धु का यह भी कहना है कि एनपीएस योजना स्वैच्छिक है, जबकि यह सभी कर्मचारियों शिक्षकों और अधिकारियों को पर जबरन थोपी जा रही है जो कि नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है। विजय बंधु ने कहा कि वे सरकार से अपील करते हैं कि उत्तर प्रदेश के 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों शिक्षकों अधिकारियों की पुरानी पेंशन सरकार तुरंत बहाल करें क्योंकि 2022 में होने वाले चुनाव में सरकारी कर्मचारी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तत्पर बैठा है।
प्रदेश महामंत्री डॉक्टर नीरजपति त्रिपाठी व मीडिया प्रभारी डॉ राजेश कुमार ने बताया कि एनपीएस योजना में सरकारी कर्मचारियों को जीपीएफ न्यूनतम पेंशन और महंगाई भत्ते का कोई भी प्रावधान नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री द्वारा दिया गया बयान अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है इस बयान से उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षकों कर्मचारियों में घोर निराशा व्याप्त हुई है।