कुशीनगर(उप्र). दुनिया भर को अहिंसा, शांति और करुणा का संदेश देने वाले पूज्य दलाई लामा के जन्म दिवस के अवसर पर भरत के अलावा विश्व के कई दिशों में में कार्यक्रम हुए। भारत तिब्बत संवाद मंच (बीटीएसएम ) की ओर से महात्मा बुद्ध के परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर स्थित तिब्बती बुद्ध मंदिर में परम पावन दलाई लामा के जन्मोत्सव समारोह का आयोजन किया गया। पूज्य दलाई लामा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। पूरी दुनिया में विश्व शांति व संकल्प दिवस के रूप में जन्मदिवस मनाया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी रहे। उन्होंने पूज्य दलाई लामा को जन्मदिवस की बधाई दी और कहा कि अब तिब्बत की आजादी जरूरी हो गई। इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. संजय शुक्ला ने तिब्बत में चीन के दमनात्मक रुख की तीखी आलोचना की। इस आयोजन में तिब्बती निर्वासित सरकार के भारत तिब्बत समन्वय केंद्र के कोऑर्डिनेटर के साथ ही एशिया के सभी देशों के बौद्ध भिक्षु शामिल हुए। बीटीएसएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय शुक्ल ने बताया कि परम पावन दलाई लामा के जन्मोत्सव में भारत सहित बर्मा, जापान, श्रीलंका, थाईलैंड, कंबोडिया, म्यामार आदि देशों के भी बौद्ध भिक्षु शामिल हुए। उन्होंने बताया कि भारत तिब्बत संवाद मंच पहला संगठन बन गया है, जिसमें बौद्ध संस्कृति को मानने वाले विश्व समुदाय के बौद्ध भिक्षु शामिल हुए हैं। इनमें तंजानिया में अफ्रीका महाद्वीप के प्रमुख बौद्ध भिक्षु और कुशीनगर में सभी एशियाई देशों के बौद्ध भिक्षु भी शामिल हुए। यह पहला अवसर था जब परम पावन दलाई लामा के जन्मोत्सव में तिब्बत के अतिरिक्त अन्य देशों के बौद्ध मठों के प्रमुख बौद्ध भिक्षु शामिल हुए। डॉ.शुक्ला ने बताया कि यह आयोजन तिब्बत की स्वायत्ता व आजादी के लिए भी तेजी से आगे बढऩे में मदद करेगा और कोशिश होगी कि सभी देशों के बौद्धों को एकजुट किया जाय और वे बौद्ध संस्कृति के मुद्दे पर सारे बौद्ध देश चीन के विरुद्ध लामबंद होकर तिब्बत की मुक्ति के आंदोलन को समर्थन करें।
कार्यक्रम में डॉ.शुभ लाल शाह, वीरेन्द्र नाथ त्रिपाठी, ममता मणि त्रिपाठी, तिब्बती बुद्ध मंदिर के प्रबंधक लामा तेनकियांग,डॉ.सीमा गुुप्ता, डॉ.ज्योत्सना पांडेय, चंद्रशेखर सिंह, डॉ.श्याम बिहारी जायसवाल, भंते समिथ, भंते महेंद्र सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।