- पुरानी पेंशन की बहाली की मांग
- 22 नवंबर को लखनऊ में कर चुके हैं बड़ी रैली
लखनऊ. अटेवा पेंशन बचाओ मंच की प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु के नेतृत्व में पदाधिकारियों की मंगलवार को अपर मुख्य सचिव-कार्मिक देवेश चतुर्वेदी के साथ बैठक हुई। पदधिकारियों ने अब तक किए गए आंदोलन और पुरानी पेंशन की बहाली के लिए अपनी मांग को बड़े ही ठोस तर्कों के साथ रखा।
बैठक में पुरानी पेंशन व निजीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की गई और जब सारे तत्थ एनपीएस से संबंध मे रखे गए। तो उन्होंने इसे बहुत ही दुखद बताया। 800 व 12000 जैसी राशि कोई पेंशन नही होती है। अटेवा प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने बताया कि काफी विस्तार से पुरानी पेंशन पर कई तथ्य व तर्क रखे गए और जोर देकर कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारी की सामाजिक सुरक्षा है उसके जीने का सहारा है उन्होंने सैद्धांतिक रूप से इसे स्वीकार भी किया। तथा पेंशन संबंधी केन्द्र के 17 फरवरी 2020 के आदेशों को प्रदेश में लागू करने की बात की गई तो उनका कहना था आपका पत्र पहले भी प्राप्त हो चुका है वित्त विभाग उस पर काम कर रहा है जल्द ही उसमे सकारात्मक परिणाम आएंगे। पुरानी पेंशन बड़ा व नीतिगत फैसला है। उन्होंने आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री जी के सामने अटेवा के पदाधिकारियों की बात रखूंगा।
अपर मुख्य सचिव से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल मे विजय कुमार बन्धु भारत सिंह ,अशोक कुमार, डॉ मनोज पांडे ,नीरजपति त्रिपाठी ,संजय यादव ,रामेंद्र श्रीवास्तव व जेपी पांडे शामिल रहे ।
उल्लेखनीय है कि पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर चल रहे राष्ट्रव्यापी आंदोलन के क्रम में उत्तर प्रदेश के अटेवा के अध्यक्ष विजय कुमार के नेतृत्व में २२ नवंबर को लखनऊ में विशाल रैली कर सरकार को अपनी ताकत दिखाई थी। इसमें प्रदेश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में शिक्षक-कर्मचारी जुटे और सभी ने एक स्वर से पुरानी पेंशन की बहाली की मांग की।