bilaspur school news : जनपद प्राथमिक शाला जलसों में मनाया गया भाषा उत्सव, संस्था प्रमुख निशा अवस्थी ने राष्ट्रकवि सुब्रमण्यम भारती की कविताओं पर की विस्तार से चर्चा

बिलासपुर, 14 दिसम्बर , campussamachar.com, भारत सरकार ने राष्ट्रकवि सुब्रमण्यम भारती की जन्म दिवस 11 दिसंबर को भारतीय भाषा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था.  इसलिए स्कूलों, कॉलेजों में उत्साहपूर्वक मनाया गया। श्री सुब्रमण्यम भारती जी कई भाषाओं के जानकार थे उनकी कविताएं राष्ट्र प्रेम तथा दर्शनिकता से ओतप्रोत थी सभी भाषाएँ देश को एक सूत्र में पिरोती है हमें ज्यादा से ज्यादा भारतीय भाषाओं को जानने और सीखने का प्रयास करना चाहिए ।

राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ द्वारा भारतीय भाषा उत्सव के आयोजन के निर्देशानुसार जनपद प्राथमिक शाला जलसों विकासखंड बिल्हा बिलासपुर में भी संस्था प्रमुख निशा अवस्थी द्वारा भाषा उत्सव दिनांक 4 दिसंबर से दिनांक 11 दिसंबर 2024 तक विभिन्न गतिविधियां कराई गई। इसी तारतम्य में भाषा उत्सव के प्रथम दिवस में समुदाय के समक्ष दीवार भित्ति पत्रिका,( वॉल मैगजीन ) शब्द चार्ट, बाल पत्रिका निर्माण किया गया। नेचर वॉक करके अपने आसपास के पेड़ों की पहचान कर उसको हिंदी और स्थानी भाषा में लिखकर पट्टीका बनाकर प्रदर्शित कर बताया गया। दूसरे दिन डिजिटल तकनीक का उपयोग करके अन्य भाषाओं कहानियों का अनुवाद कर बच्चों को सुनाया गया।

कहानियों को पढ़ने के लिए read along पद्धति का उपयोग किया गया बड़े बुजुर्गों द्वारा सुनाई गई कहानी एवं कविताओं को पाडकास्ट के रूप में सुनाई गई। तृतीय दिवस बच्चों को रचनात्मक लेखन का कार्य कराया गया हिंदी अंग्रेजी स्थानीय भाषाओ में गीत कविता को एवं स्वरचित लेखन को प्रेरित किया गया एवं बच्चों द्वारा रचित लेखो को दीवार पत्रिका में प्रदर्शित किया गया।

चौथे दिन जादुई पिटारा से भाषा सीखाने सीखने के लिए विभिन्न सामग्री की प्रदर्शनी लगाई गई बच्चों को रोल प्ले करने के लिए मुखौटा बनाना भी सिखाया गया। पांचवें दिन जांजगीर जिले के शिक्षक श्री पुष्पेंद्र कुमार कश्यप प्राथमिक शाला सकरीले के द्वारा भी वीडियो कॉल के द्वारा कहानी सुनाई गई। बच्चों को छोटी-छोटी कहानी लिखकर कहानी पुस्तक निर्माण एवं लघु नाटिका करने को प्रोत्साहित किया गया। छठवे दिन भाषा मित्र योजना के माध्यम से महाराष्ट्र के बच्चों से वीडियो कॉल के माध्यम से एक दूसरे के रहन-सहन भाषा बोली से परिचित करवाया गया।

सातवें एवं अंतिम दिन लोक कला एवं सांस्कृतिक परंपराओं रीति रिवाज को बच्चों को परिचित करने के लिए सुआ, पंथी और राउत नाचा का प्रदर्शन कराया गया। भारतीय भाषा उत्सव कराने से बच्चों को बहुत अधिक लाभदायक एवं उपयोगी सिद्ध हुआ है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भाषा विशेष कर बच्चों के घर की भाषा में सीखने एवं बहु भाषा शिक्षण पर जोर दिया गया है इसलिए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को एकता की भावना एवं अपनी संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए भाषा के महत्व को बताया गया ।बच्चों में भारतीय भाषाओं में उपलब्ध समृद्धि साहित्य के प्रति रुचि और आदर भाव का विकास हुआ ।

बहु भाषा शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग कर साल के बच्चों को महाराष्ट्र के बच्चों से बातचीत कराया गया एवं कहानी , कविता आदि गतिविधियों से परस्पर एक दूसरे का परिचय कराया गया। बच्चे अपनी कल्पना का उपयोग करके कहानी लिखने के लिए प्रोत्साहित हुए जिससे उनकी रचनात्मक प्रवृत्ति और आत्मविश्वास बढ़ा । बेहतर लेखक बनने के लिए प्रेरित हुए। बच्चे बाल मैगजीन में स्वयं के बने चित्र और कहानी कविता शब्द चार्ट चुटकुले को देखकर बहुत बच्चे खुश होते हैं। पढ़ना सीखते हैं और एक दूसरे को देखकर प्रेरित होते हैं

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