आज तिथि ५१२६ /०६-०२-०४/०७ युगाब्द ५१२६ / भाद्रपद (पूर्णिमांत आश्विन) कृष्ण चतुर्थी, शनिवार “विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी” शुभ व मंगलमय हो….
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अंको में आज की तिथि
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♡🔆 5126/06/02/04/07♡
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युगाब्द (कलियुग) – 5126
#भाद्रपद – छटवां माह (06)
कृष्ण पक्ष – दूसरा पक्ष (02)
तिथि – चतुर्थी ( 04 थी )
वार/दिन- शनिवार ( 07 वां वार/दिन )
#पूर्णिमांत आश्विन
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माया चार प्रकार की,
एक बिलसै एक खाए ।
एक मिलाबै राम से,
एक नरक लै जाए ।।
✍ शास्त्रों, पुराणों, सत्संग आदि में माया शब्द का बहुत प्रयोग किया गया है।
✍ अखबारों में लोगों के ठगे जाने, टप्पेबाजी की कितनी घटनाएं रोज प्रकाशित होती हैं।
✍ यह सब माया का ही कमाल है कि लोग जानते हुए भी धोखा खा जाते हैं ।
✍ गुरु कहते हैं कि माया तातकालिक सुख/आनंद देती है। नरक रूपी कष्ट/दुख भी माया की वजह से ही उत्पन्न होते हैं।
✍ परन्तु इसी माया के जाल से बचने के लिए ही हम ईश्वर (सर्वश्रेष्ठ) की ओर उन्मुख भी हो जाते हैं।
आज तिथि ५१२६ /०६-०२-०४/०७ युगाब्द ५१२६ / भाद्रपद (पूर्णिमांत आश्विन) कृष्ण चतुर्थी, शनिवार “विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी” की पावन मंगल बेला में, मायारूपी जाल से सतर्क रहने का संकल्प लेते हुए, नित्य की भाँति, आपको मेरा “राम-राम” ।
- प्रस्तुति – ललित अग्रवाल
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