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International Literacy Day: स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2024 की पूर्व संध्या पर ‘साक्षरता का विस्तार’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की

  • बहुभाषावाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के केंद्रीय स्तंभों में से एक है- संजय कुमार
     

नई दिल्ली , 8 सितम्बर,  एजेंसी   . स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) के सचिव  संजय कुमार ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी) में “साक्षरता का विस्तार” विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने कल 08 सितंबर, 2024 नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2024 की पूर्व संध्या पर वर्चुअल माध्यम से इस सम्मेलन का आयोजन किया।

स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) की संयुक्त सचिव श्रीमती अर्चना शर्मा अवस्थी; राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के निदेशक प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सकलानी; दक्षिण एशिया के लिए यूनेस्को के क्षेत्रीय कार्यालय में शिक्षा क्षेत्र की प्रमुख श्रीमती जॉयस पोअन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन से आज की दुनिया में साक्षरता के विविध और विकसित हो रहे आयामों का पता लगाने के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय विशेषज्ञों, शिक्षकों, नीति निर्माताओं और साक्षरता समर्थकों को एक मंच पर लाने में सफलता मिली है।

श्री संजय कुमार ने अपने संबोधन में उल्लेख किया कि कैसे साक्षरता की परिभाषा में अब मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक साक्षरता, महत्वपूर्ण जीवन कौशल जैसे डिजिटल, वित्तीय और कानूनी साक्षरता आदि सम्मिलित हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि साक्षरता को लोगों को जीवन जीने में सहायता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में सभी के लिए आजीवन सीखने की समझ (यूएलएलएएस) वह ढांचा है जिसके अंतर्गत हमें शहरी और ग्रामीण जनसंख्या और पुरुषों और महिलाओं के बीच साक्षरता के अंतर को कम करने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि साक्षरता को परिवर्तन की एक शक्तिशाली शक्ति बनना है और हमें उन रणनीतियों और रूपरेखाओं पर सावधानीपूर्वक बातचीत करनी चाहिए जो हमारे प्रयासों को रेखांकित करती हैं।

इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के विषय, बहुभाषावाद के माध्यम से साक्षरता को प्रोत्साहन देने पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के केंद्रीय स्तंभों में से एक बहुभाषावाद है। उन्होंने कहा कि बच्चे तब सबसे अच्छा सीखते हैं जब उन्हें उनकी मातृभाषा में पढ़ाया जाता है। उन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने के महत्व पर बल दिया ताकि कार्यबल में उनका प्रतिनिधित्व बढ़ सके।

International Literacy Day news : स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) की संयुक्त सचिव, श्रीमती अर्चना शर्मा अवस्थी ने उद्घाटन भाषण दिया। श्रीमती अर्चना शर्मा अवस्थी ने देश भर में प्रौढ़ साक्षरता को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू किए गए कार्यक्रम, उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की भूमिका पर प्रकाश डाला।

सम्मेलन में “भारत में साक्षरता के ‘विस्तार’ की खोज” और “साक्षरता पर वैश्विक परिप्रेक्ष्य की अध्यक्षता” शीर्षक से दो आकर्षक सत्र आयोजित किए गए। पहले सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी) के संयुक्त निदेशक डॉ. अमरेंद्र पी. बेहरा ने की। यह सत्र भारत के भीतर साक्षरता पर विविध दृष्टिकोणों पर केंद्रित था। वक्ताओं में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की सदस्य सचिव, सुश्री केसांग शेरपा; उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, डॉ. एम.के.एस. सुंदरम और दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली पत्रकारिता विद्यालय के निदेशक प्रोफेसर जय प्रकाश दुबे शामिल थे।

International Literacy Day news : दूसरे सत्र की अध्यक्षता अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीताराम ने की। इस सत्र में साक्षरता पर एक अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया ग्या। जर्मनी के श्री निकोलस जोनास, इज़राइल के प्रो. इद्दो गैल और जर्मनी के डॉ. अंके ग्रोट्लुशेन जैसे प्रसिद्ध वैश्विक विशेषज्ञों ने प्रौढ साक्षरता से लेकर साक्षरता पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रभाव तक के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। डॉ. जॉन बेन्समैन ने “सामाजिक स्थानों में साक्षरता” पर बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का समापन आगे के चरणों के सारांश के साथ हुआ।

सम्मेलन, “साक्षरता का विस्तार” विषय पर बल देते हुए, वैश्विक स्तर पर शिक्षा में व्यापक और विविध चुनौतियों और अवसरों को प्रतिबिंबित करता है। इसका समापन एक साक्षर (जन जन साक्षर) और समावेशी दुनिया के निर्माण के लिए साझेदारी और सहयोग को मजबूत करने के लिए कार्रवाई के आह्वान के साथ हुआ।

campussamachar.com,

 

 

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