लखनऊ. बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज मोतीनगर की प्रधानाचार्या एवं छात्राओं से अवैध वसूली का विरोध करने वाली शिक्षिका रागिनी यादव से अब बदला लिया जा रहा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि माध्यमिक शिक्षक संघ के दबाव में रागिनी यादव को वेतन भुगतान हो जाना है, क्योंकि विद्यालय प्रबंधन ने परेशान करने के लिए रागिनी यादव का वेतन बिल ही नहीं बनाया था और वेतन बिल न बनाने का कारण रागिनी यादव द्वारा विद्यालय में हुई अवैध वसूली का विरोध करना था।
अब इस विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। खुद को अपमानित महसूस कर रहे विद्यालय के कर्ता-धर्ता ने कक्षा छह व सात की छात्राओं को बाध्य होकर जमीन में बैठकर पढऩा पढ़ रहा है। ऐसे में रागिनी यादव को पढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा रहा है। क्लास के समय विद्यालय प्रबंधन की ओर से कोविड-19 की निर्धारित गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया जा रहा है। साथ ही छात्राओं को इस तरह फर्श पर बैठकर पढ़ाई करना काफी असहज कर रहा है। इस प्रकरण में उल्लेखनीय है कि रागिनी यादव को चिकित्सकीय परामर्श में यह कहा गया कि वे जीने पर न चढ़ें, इसलिए उन्होंने प्रधानाचार्य से निवेदन किया कि वे लाइब्रेरी में ही छात्राओं को पढ़ाने की अनुमति प्रदान करें। रागिनी यादव के आग्रह को स्वीकार करने के बजाय लाइब्रेरी में अन्य क्लास की छात्राओं को बैठा दिया गया और कक्षा छह व सात की छात्राओं को फर्श पर। ऐसा इसलिए ताकि रागिनी यादव की क्लास छह व सात की छात्राएं लाइब्रेरी में न बैठने पाएं।
डॉ.आरपी मिश्र ने कहा-शिक्षिका व छात्राओं का सम्मान सबसे ऊपर
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता डॉ.आरपी मिश्र इस प्रकरण में शिक्षिका व छात्राओं के किए जा रहे व्यवहार से चिंतित हैं। उनका कहना है कि प्रबंधन की यह जिम्मेदारी है कि शिक्षिका व छात्राओं दोनों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करे और संघ भी यही चाहता है। डॉ.मिश्र ने कहा कि पूरा प्रकरण उनके संज्ञान में है, उचित कदम उठाएंगे। पहले भी रागिनी यादव का वेतन रोके जाने का संगठन ने विरोध किया था और वेतन भुगतान कराया है। अब आगे भी शिक्षिका व छात्राओं के साथ न्याय होगा।