- सर्वोच्च न्यायालय का विचार आदिवासी समाज के अन्दर वर्ग विभाजन पर समाज ने – नाराज़ व दुःख व्यक्त किया।
समाज में फैली नशाखोरी, वन्य प्राणी,वन संरक्षण, समाज में कमजोर वर्गों को सहयोग की अपील की – हेमंत राज़ ध्रुव (व्यवहार न्यायाधीश)
कोरबा , 12 अगस्त .campussamachar.com, 09 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर वि. खं. करतला/कोरबा क्षेत्र में आदिवासी समाज के लोगों में अभूतपूर्व उत्साह देखा गया । मौसम की बेरुखी के बावजूद आदिवासी युवक/युवती सुबह से अपने आदिवासी वेशभूषा, परंपरा में साल में एक बार आनेवाली महापर्व को मनाने के लिए सद्भावना भवन करतला में एकत्रित होने लगे । तय कार्यक्रम बारिस के कारण विलम्ब से शुरू हुआ।
ठीक 12.30 बजे करतला के ठाकुरदेव देवरास पर पूजनकर आदिवासी स्वाभिमान रैली को ग्राम प्रधान नत्थूसिंह राठिया व समाज के प्रबुद्ध जनों द्वारा आदिवासी समाज के प्रतीक पीला झण्डा दिखाकर रवाना किया किया गया। समाज के नवयुवक अपार जोश के साथ “एक तीर एक कमान, सर्व आदिवासी एक समान। जल, जंगल , जमीन की रक्षा कौन करेगा, हम करेंगे,हम करेंगे जैसे नारों से गूंजता हुआ चांपा, चोरभट्ठी, कछार,तराईमार, कुदमुरा, तौलीपाली, चचिया, लूदूखेत, धौंराभांठा, पसरखेत, बताती, गेरांव होकर करतला पहुंची । करतला पहुंचने पर समाज के मातृ-शक्तियों द्वारा आरती व तिलक लगाकर पूरे आत्मीयता से स्वागत किया गया ।
कार्यक्रम के संबंध में मानसिंह राठिया ने आगे बताया मंचीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री दुर्गा प्रसाद राठिया अध्यक्ष राठिया (कंवर) समाज, अध्यक्षता श्री नत्थूसिंह राठिया (ग्राम पटेल करतला) अति विशिष्ट अतिथि श्री हेमंतराज ध्रुव (व्यवहार न्यायाधीश करतला) विशिष्ट अतिथि समस्त जन प्रतिनिधि, सर्व आदिवासी समाज प्रमुखों के द्वारा आदिवासी देवों/जननायकों की पूजन अर्चन कर कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। मंचस्थ अतिथियों का पीला गमछा से पगड़ी बांध कर व माला पहनाकर स्वागत किया गया।
अतिथियों ने विश्व आदिवासी मनाने के संयुक्त राष्ट्र संघ के उद्देश्य को बयां किया और चिंता जाहिर किया कि आज शासन का आदिवासी वर्ग से लगाव कम हो रहा है । अतिथियों ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस विचार पर दुःख व्यक्त किया कि आदिवासी समाज के अंदर वर्ग विभाजन हो । माननीय न्यायालय के इस प्रकार के विचार से लगता है आदिवासी अपने वर्ग में ही लड़ते रहें ।
इस अवसर पर समाज ने एक होकर ऐसी चुनौतियों से निपटने की अपील की और सर्व आदिवासी समाज को एक होकर समाज में फैली बुराइयों, अंधविश्वास,अशिक्षा को दूर करने की प्रतिबद्धता दोहराई। कार्यक्रम में अतिविशिष्ट व्यक्ति के आसंदी से बोलते हुए श्री हेमंतराज ध्रुव (जज साहब) ने समाज में फैली नशाखोरी, वन्य प्राणी संरक्षण, वन संरक्षण, समाज में आर्थिक सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों को आवश्यक सहयोग देकर ऊपर उठाने जैसे कदम उठाने की अपील की । इन अतिथियों के उद्बोधन के मध्य आदिवासी संस्कृति पर आधारित करमा, सुआ, पंडवानी पर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति समाज के नन्हे बच्चों व नवयुवतियों द्वारा की गई।
korba news : इस कार्यक्रम का सफल संचालन व्याख्याता द्वय दुबराज सिंह राठिया व मानसिंह राठिया एवं कार्यक्रम का आभार व्यक्त करम सिंह राठिया द्वारा किया गया। कार्यक्रम में राठिया, गोंड़, पैंकरा, उरांव, मंझवार,बिरहोर आदिवासी समाज के प्रमुखों सहित मनमोहन सिंह राठिया, यादनसिंह राठिया, करमसिंह राठिया, जयकृष्ण राठिया, रामलाल राठिया, सागरसिंह राठिया, विनयसिंह राठिया, मालिक राम राठिया, घनश्याम राठिया, अरुणकुमार जगत, विष्णु प्रसाद मंझवार, ऋषि राठिया, नरेश्वरसिंह राठिया, चनेशराम राठिया, बृजलाल राठिया, गोवर्धन राठिया,रामायण राठिया, नारायण सिंह राठिया, सत्यपाल राठिया, संतोषी राठिया, त्रिवेणी राठिया,रेणुका राठिया, भावना राठिया,विमला राठिया आदि भारी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे । उक्ताशय की जानकारी मानसिंह राठिया ने दी।