- संगठन का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क विनियमन अधिनियम 2018 में की गई व्यवस्था के अनुसार ही शुल्क निर्धारण होना चाहिए
लखनऊ , 29 जुलाई ,campussamachar.com, . प्रदेश के वित्तविहीन विद्यालयों द्वारा शिक्षण शुल्क में मनमानी वृद्धि सहित विभिन्न मदों में फीस वसूलने के विरोध में आज पेरेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ( Parents Welfare Association) के पदाधिकारियों ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक कार्यालय में अधिकारीयों से भेंट की और उन्हें ज्ञापन सौंपा . संगठन का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क विनियमन अधिनियम 2018 में की गई व्यवस्था के अनुसार ही शुल्क निर्धारण होना चाहिए . विभागीय अधिकारियों ने उन्हें शासनादेश के अनुसार फीस निर्धारण करने का आश्वासन दिया है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष पीके श्रीवास्तव ने बताया कि जब भारतीय जनता पार्टी सरकार ने शुल्क विनियमन अध्यादेश 2018 जारी किया था तो अभिभावकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी कि अब उनका शोषण बंद हो जाएगा और स्कूलों की मनमानी भी ज्यादा परेशान नहीं करेगी लेकिन यह आदेश जारी होने के 6 साल बाद भी यह लागू नहीं हो पाया है . शुल्क निर्धारण के लिए जिला स्तर पर बनने वाली कमेटी का गठन , उनकी कानूनी प्रक्रिया और स्कूलों के लिए जारी दिशा निर्देश जैसे कई मुद्दे अभी तक धरातल पर नहीं हैं .
Parents Welfare Association, news : यही कारण है कि प्रत्येक शिक्षण सत्र में निजी स्कूल अपने ढंग से फीस वृद्धि कर अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाल देते हैं . इतना ही नहीं कुछ निजी स्कूलअलग-अलग मदों में भी फीस वसूल रहे हैं . लेट फीस जमा होने पर जुर्माना करने सहित नियम बना रखे हैं. राजधानी लखनऊ में भी कई स्कूल संचालकों ने सरकार की निर्देशों को अनदेखा करते हुए अधिक फीस जबरिया वसूल भी रहे हैं.
Parents Welfare Association news : पीके श्रीवास्तव ने अधिकारियों से कहा कि वह शासनादेश का अनुरूप विद्यालयों में फीस निर्धारण की व्यवस्था कर दें तो अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी . उन्होंने कहा की अभिभावक लगातार शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं , लेकिन जिले के संबंधित अधिकारी इन मांगों को अनदेखा कर रहे हैं, जिसके कारण निजी स्कूलों ने अभिभावकों का शोषण करना तेज कर दिया है . उन्होंने कहा इस सत्र में भी राजधानी के कई स्कूलों ने फीस बढ़ा दी है . यूनिफॉर्म और पुस्तक भी अपनी पसंद की दुकान से खरीदने के लिए बातें कर रहे हैं .सरकार की जिम्मेदारी है कि जिला स्तर के अधिकारी इस पूरे मामले में देखें और तत्काल अभिभावकों को राहत दिलाएं . ज्ञापन प्राप्त करने वाले विभागीय अधिकारियों ने संगठन को आश्वासन किया है कि वह जल्दी इन सभी मामलों को देखेंगे और फैसला लेंगे.
ज्ञापन देने वालों में पीके श्रीवास्तव , राकेश जायसवाल , राजीव कुमार वर्मा , कृष्णा नन्द राय , राजेंद्र सिंह , अनिल कुमार सिंह , अमित कुमार , रमा शंकर गौड़ , स्मृति अग्रवाल , ओंकार नाथ वर्मा , राजेश खन्ना अड्डी मुख्य रू से शामिल थे.