- यह तुगलकी फरमान है तानाशाही आदेश है और पूरे प्रदेश में लगातार शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं- अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु
लखनऊ , 15 जुलाई ,campussamachar.com, । शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा उ प्र के आवाहन पर आज पूरे प्रदेश के शिक्षकों कर्मचारियों ने ऑनलाइन अटेंडेंस के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किया। प्रदेश के प्रत्येक मुख्यालय पर भारी संख्या में महिलाएं शिक्षकों सहित हजारो हजारो शिक्षकों ने अपनी आवाज बुलंद किया। और सभी ने एक सुर मे कहा कि शिक्षकों का अपमान करना बंद करें सरकार। शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है शिक्षक के अपमान से कभी कोई राष्ट्र सुखी और समृद्ध नहीं हो सकता।
इसी क्रम मे लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने कहा कि यह तुगलकी फरमान है तानाशाही आदेश है और पूरे प्रदेश में लगातार शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं सरकार संवेदन हीन हो गई है कि वह सुनने को तैयार नहीं है और इससे शिक्षकों में बहुत आक्रोश बढ़ रहा है। जरूरी पड़ी तो अन्य विभागों के कर्मचारी भी साथ देने को तैयार है। शिक्षक अग्रिम तैयारी करेंगे। प्रदेश सरकार से मेरा निवेदन है इसे तत्काल वापस लें अन्यथा प्रदेश भर का शिक्षक 29 जुलाई को DG शिक्षा का घेराव करेंगे जो बहुत विशाल और ऐतिहासिक होगा।
प्रदेश संयोजक प्रदेश अध्यक्ष बिशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन संतोष तिवारी ने कहा आज का धरना ऐतिहासिक है पूरे प्रदेश में शिक्षक आक्रोशित हैं सरकार ने यदि जल्द ही हमारी तार्किक मांगों को पूरा नही किया तो मोर्चा आर पार की लड़ाई लड़ेगा संतोष तिवारी ने बताया डिजिटाइजेशन को लेकर प्रदेश भर के शिक्षकों ने प्रदेश के जनपद मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन व मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंच मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
प्रदेश सचिव दिलीप चौहान ने बताया शिक्षक आंनलाइन का विरोध नही कर रहे हैं मीडिया में हमारी छवि कतई खराब ना की जाए शिक्षक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग है वह प्रतिदिन समय पर पहुंच कर शिक्षण कार्य के साथ विभाग द्वारा दिए हर एक कार्य को पूरे सिद्दत के साथ करता है कोरोना जैसे महामारी में भी शिक्षकों हर दायित्वों को निभाया यहां तक चुनाव ड्यूटी में जाकर लगभग दो हजार शिक्षकों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी इसलिए शिक्षकों की छवि खराब कतई ना की जाए शिक्षक हर मोर्चे पर अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी से करता रहा है।
सबसे पहले हमारी मांगों को पूरा किया जाए पदोन्नति बीरबल की खिचड़ी हो गयी है, समायोजन, अन्तर्जनपदीय/अन्त: जनपदीय स्थानान्तरण हर वर्ष परछाई की तरह आती है और चली जाती है, हमारे विद्यालयों को कान्वेंट समझकर कानून लागू किए जा रहे हैं बेसिक शिक्षा के विद्यालयों की भौतिक स्थिति एसी कमरों में बैठकर कानून बनाने वाली जैसी नहीं है पहले हमारी मांगे पूरी हो. मंच के प्रांतीय संयोजकगण योगेश त्यागी, सुशील पांडेय, विवेकानंद,शिव कुमार शुक्ला सुशील यादव आदि ने बताया कि सरकार हमारी तार्किक मांगों को पहले समाधान करे फिर डिजिटाइजेशन की बात करें ।